शादी, साजिश और मर्डर की पूरी स्टोरी: ‘मंगल’ ने जोड़ा राजा-सोनम का रिश्ता, फिर हनीमून पर हत्या; बुर्का पहनकर बॉयफ्रेंड के पास लौटी – Madhya Pradesh News

शादी, साजिश और मर्डर की पूरी स्टोरी:  ‘मंगल’ ने जोड़ा राजा-सोनम का रिश्ता, फिर हनीमून पर हत्या; बुर्का पहनकर बॉयफ्रेंड के पास लौटी – Madhya Pradesh News


तारीख, 24 जनवरी 2025। इंदौर के बाणगंगा में रहने वाले प्लायवुड कारोबारी गोविंद रघुवंशी के मोबाइल पर एक अनजान नंबर से कॉल आया। कॉल करने वाली महिला उमा रघुवंशी थीं। उन्होंने कहा, ‘हमने समाज की पत्रिका में आपकी बेटी सोनम की कुंडली देखी है। हमारा बेटा राज

.

संगीता ने कहा, ‘हमारी बेटी सोनम भी मांगलिक है।’ दोनों के बीच औपचारिक बातचीत के बाद उमा बोलीं- ‘आप लोग घर आइए।’ इसके बाद 25 जनवरी को सोनम के पिता देवी सिंह, मां संगीता और भाई गोविंद सहकार नगर में राजा रघुवंशी के घर पहुंचे। तीन मंजिला मकान और गोरा चिट्‌टा लड़का उन्हें अपनी बेटी के लिए मुफीद लगा। उन्होंने राजा के परिवार को अपने घर बुलाया।

29 जनवरी को राजा और राजा का परिवार सोनम के घर पहुंचा। रिवाज के मुताबिक लड़का और लड़की दोनों को अलग से बातचीत का मौका दिया गया। राजा और सोनम ने अलग कमरे में एक घंटे तक बात की। जब दोनों बाहर निकले, तो सोनम की मां ने उससे पूछा लड़का पसंद है। सोनम ने कहा ‘हां’ । राजा ने भी कहा सोनम पसंद है। रिश्ता पक्का हो गया। 10 फरवरी 2025 को दोनों की सगाई हो गई।

सोनम और राजा की शादी की तैयारियां होने लगीं। दोनों ने साथ-साथ खरीदारी की। भव्य समारोह में शादी की रस्में हुईं। सात वचन की रस्में भी मंच पर ही हुईं। मंच संचालक ने बहुत ही मजाकिया लहजे में एक-दूसरे से सात वचन पूरे करवाए। राजा को पहला वचन दिलाया गया कि रोज पहले मैं उठूंगा। अदरक वाली चाय बनाकर पत्नी को पिलाऊंगा।

राजा ने कहा, ‘उठ जाऊंगा, लेकिन चाय बनानी नहीं आती।’ सोनम के परिवार ने गहने और कार दहेज में दिए। उधर राजा के परिवार ने भी अपनी बहू को खूब सारे सोने के गहने दिए। दोनों ने शादी में साथ डांस किया। राजा के मां–पिता अपने सबसे छोटे बेटे की शादी से बेहद खुश थे।

11 मई को सोनम और राजा की इंदौर में धूमधाम से शादी हुई थी।

11 मई को सोनम और राजा की इंदौर में धूमधाम से शादी हुई थी।

रात भर शादी की रस्में पूरी होने के बाद 12 मई की सुबह सोनम अपने ससुराल पहुंची। यहां सास-ससुर और दोनों भाभियों ने उसका स्वागत किया। अगले दिन सोनम की बड़ी भाभी वर्षा ने उससे मजाक किया और पूछा, ‘ राजा भैया का ठीक ढंग से ख्याल रख रही हो या नहीं?’ सोनम ने इस बात को हंसकर टाल दिया।

वर्षा याद करते हुए कहती हैं, ‘सोनम घर में सबसे से अच्छे से बात करती थी। नई दुल्हन थी इसलिए हम लोग उसे घर का काम नहीं करने देते थे। वो मोबाइल पर जरूर बिजी रहती थी। जब भी फोन पर किसी से बात करती तो ऐसा लगता कि अपनी प्लायवुड फैक्ट्री के किसी ग्राहक से बात कर रही हो। किसी से फोन पर चैटिंग भी करती थी। सबकुछ ठीक था।’

मायके में 5 दिन रहने के बाद 19 मई को सोनम ने अपनी मां को बताया कि वे लोग कामाख्या देवी के दर्शन करने के लिए असम के गुवाहाटी जा रहे हैं। राजा ने टिकट करा ली है। इधर, राजा ने भी एक दिन पहले ही अपनी मां को बताया कि वे हनीमून पर गुवाहटी और शिलॉन्ग जा रहे हैं। सोनम ने टिकट करा ली है।

20 मई को सोनम मायके से एयरपोर्ट के लिए रवाना हुई। राजा भी अपने घर से एयरपोर्ट पहुंचा। बड़े भाई विपिन कहते हैं,

QuoteImage

राजा ने उस दिन मुझे एयरपोर्ट छोड़ने के लिए नहीं कहा। शायद, शर्म के कारण उसने अकेले जाने का फैसला किया।

QuoteImage

20 मई को राजा अकेले ही घर से एयरपोर्ट रवाना हुआ था। उसने आखिरी बार घर की तरफ देखा था।

20 मई को राजा अकेले ही घर से एयरपोर्ट रवाना हुआ था। उसने आखिरी बार घर की तरफ देखा था।

एयरपोर्ट पहुंचने पर राजा ने मां उमा को वीडियो कॉल किया, तो उसके गले में सोने की चेन नजर आई। मां ने टोका, ’तू घूमने जा रहा है तो सोने की चेन क्यों पहनी?’ राजा ने कहा, ‘सोनम ने पहनने के लिए कहा था।’ राजा की मां ने सोनम को फोन किया तो वह बोलीं, ‘मैं उसे सोने की चेन पहनने के लिए क्यों बोलूंगी? मैं तो खुद अपने गहने घर में छोड़कर आई हूं।’

दोनों एयरपोर्ट से बेंगलुरु जाने वाली फ्लाइट में सवार हुए। फिर वहां से गुवाहटी की फ्लाइट ली। ये सामान्य रूट नहीं था। आमतौर पर गुवाहटी जाने वाले कोलकाता या दिल्ली होकर जाते हैं। फ्लाइट में जब सोनम की आंख लग गई तो बगल वाली सीट पर बैठे राजा ने उसकी कुछ फोटो भी खींची। शाम तक दोनों गुवाहटी पहुंच गए।

अगले दिन कामाख्या के दर्शन किए और फिर मेघालय की राजधानी शिलॉन्ग के लिए रवाना हो गए। कामाख्या के दर्शन के बाद सोनम और राजा ने फोटो भी खिंचवाई।

राजा और सोनम गुवाहाटी में एक होटल में ठहरे थे। इस होटल से कुछ ही दूरी पर एक दूसरे होटल में तीन लड़के विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी ने भी कमरा बुक कराया था। तीनों इंदौर के रहने वाले थे। होटल में कमरा लेते वक्त रिसेप्शन पर कहा- हम लोग कॉलेज में एडमिशन के लिए आए हैं, कुछ दिन रुकेंगे। गुवाहाटी में राजा और सोनम जहां-जहां गए वहां इन तीनों लड़कों की भी नजर थी।

कामाख्या दर्शन के बाद राजा और सोनम 21 मई को शिलॉन्ग के लिए रवाना हो गए। यहां पहुंचने पर उन्होंने पुलिस बाजार से कुछ दूर पर बालाजी गेस्ट में एक कमरा बुक कराया। अगले दिन यानी 22 मई को शिलॉन्ग से ही किराए पर स्कूटी ली और दोनों सोहरा यानी चेरापूंजी के लिए रवाना हो गए। सोनम ने ही डिमांड की थी कि यहां स्कूटी से ही घूमेंगे।

इसके बाद दोनों लिविंग रूट ब्रिज देखने के लिए पहाड़ी की तलहटी की ओर जाने वाली सड़क पर बढ़ गए। सोनम और राज ने प्लान किया कि वे वाइसाडोम तक अपनी स्कूटी से जाएंगे। प्लान के मुताबिक दोनों ने यहां पहुंचकर गाड़ी पार्क की और फिर लिविंग रूट ब्रिज की 4000 सीढ़ियों से नीचे उतरने की तैयारी की। उन्हें एक गाइड अल्बर्ट ने मदद की पेशकश की, लेकिन उन्होंने मदद लेने से इनकार कर दिया।

एक दूसरे गाइड वानसाई की मदद लेकर वे नीचे उतरे। शाम 5.30 बजे तक वे वहां पहुंच गए। वानसाई ने सोनम से कहा, ‘आप चाहे तो कल भी मैं आपकी मदद के लिए आ सकता हूं।’

सोनम बोली, ‘नहीं जरूरत नहीं है, हमने रास्ता देख लिया है, अब अकेले ही जा सकते हैं। आप तो हमें रूकने के लिए अच्छा होम स्टे बताइए।’

वानसाई की मदद से राज-सोनम ने शिपारा होम स्टे में 1 हजार रुपए का कमरा लिया। 380 रुपए खाने के दिए। कुल 1380 रुपए का भुगतान किया। कमरे में अपना सामान रखकर वे दोनों लिविंग रूट ब्रिज की तरफ बढ़ गए। संभवत: यही वह जगह थी कि जिसके लिए सोनम ने राज को सपना दिखाया था। राज अपनी जीवन संगिनी के साथ आज हनीमून की सबसे यादगार जगह पर था।

मगर, राजा इस बात से अनजान था कि कुछ लोग उसका लगातार पीछा कर रहे हैं। गुवाहटी से वे उसे ट्रैक करते लिविंग रूट ब्रिज के पास तक आ गए हैं। ये वो जगह है, जहां बहुत कम लोगों का आना-जाना है।

23 मई को सुबह राज और सोनम ने 4 हजार सीढ़ियों की चढ़ाई शुरू की। सुबह करीब 10 बजे गाइड अल्बर्ट ने उन दोनों को देखा। अल्बर्ट ने बताया कि राजा आगे चल रहा था और उसके साथ तीन और लड़के भी थे। वे चारों हिंदी में बात कर रहे थे। सोनम पीछे चल रही थी।

अल्बर्ट उन्हें इसलिए पहचान पाया था क्योंकि एक दिन पहले ही उसने उन्हें मदद की पेशकश की थी। इसी बीच राजा की मां उमा ने फोन किया। राजा ने मां से कहा- हम लोग नीचे गए थे, अब ऊपर लौट रहे हैं। मां बोली- सोनम कैसी है? राज ने मां से कहा- लो आप ही बात कर लो। इसके बाद सोनम और उसकी सास उमा के बीच बातचीत हुई।

इस कॉल के बाद जो कुछ होने वाला था उसका अंदाजा केवल सोनम और उसके पीछे आने वाले उन तीन लड़कों को था। सोनम राज 4 हजार सीढ़ियों की खड़ी चढ़ाई चढ़ने लगे। वे दोनों वाइसाडोम की उस पार्किंग की ओर बढ़ने लगे, जहां उनकी स्कूटी रखी हुई थी।

इस चढ़ाई के दौरान इंदौर से आए तीनों लड़के भी राजा से अच्छी पहचान बना चुके थे। कुछ देर बाद राजा और सोनम तेजी से आगे चले गए और तीनों लड़के पीछे हो गए। इस दौरान यहीं से गुजरने वाले एक टूरिस्ट यहां एक सोशल मीडिया रील बना रहा था इस दौर उसके कैमरे में सोनम राज और पीछे आते हुए आकाश, विशाल और आनंद के चेहरे कैमरे में कैद हो हो गए थे।

सीढ़ियां चढ़ते वक्त दोपहर के 2 बजे थे, राजा, सोनम और वो 3 अजनबी लड़के वाइसाडोम की पार्किंग तक पहुंच गए। यहां से वे स्कूटी लेकर उस सेल्फी पाइंट तक पहुंचे, जहां तीन पहाड़ियां एक दूसरे को छूती है। यहां प्रकृति का अदभुत नजारा है। मुख्य सड़क में पार्किंग में गाड़ी पार्क करके लगभग 200 मीटर दूर सेल्फी पाइंट की तरफ सोनम और राजा बढ़ने लगे।

पीछे-पीछे वो तीनों लड़के भी आने लगे। सोनम ने यहां फोटो खिंचाने की जिद की। सोनम आगे बढ़ी और फोटो खिंचवाने के लिए पोजिशन ली। उधर, राजा अपने मोबाइल में सोनम की फोटो क्लिक करने के लिए तैयार हो गया। इसी बीच उन तीन लड़कों में से एक आनंद और दूसरी ओर आकाश ने पोजिशन ले ली थी। प्लान के मुताबिक विशाल पीछे था।

राजा मोबाइल कैमरे में इस खूबसूरत वादियों में सोनम के चेहरे पर फोकस सेट कर रहा था, उधर, सोनम का इशारा मिलते ही विशाल ने दोनों हाथों की ताकत से धारदार हथियार से राजा के सिर पर वार किया। पहला वार होते ही राजा के शरीर से खून की तेज धार निकली, लेकिन विशाल ने फिर उतनी ही ताकत से दूसरा वार किया।

राजा कुछ समझ पाता, तब तक उसके सिर से इतना खून बह चुका था कि उसकी सांसें थमती जा रही थीं। तभी आकाश ने एक दूसरे डाव से फिर राजा पर वार किया। लेकिन तब तक राजा की सांसें पूरी तरह खत्म हो चुकी थीं। विशाल, आकाश और आनंद ने राजा की लाश को सेल्फी पाइंट की 4 फीट ऊंची ग्रिल से सोनम की आंखों के सामने तलहटी में धकेल दिया। सोनम ने भी राजा की डेडबॉडी उठाने में मदद की थी।

जब राजा पर हमला हुआ तो विशाल की सफेद शर्ट खून से सन गई। विशाल ने अपनी खून से सनी शर्ट और डाव भी लाश के साथ फेंक दिया। इसके बाद विशाल और सोनम ने वहीं अपने-अपने मोबाइल तोड़कर फेंक दिए। कुल 18 मिनट में राजा की हत्या के बाद सोनम और विशाल, आकाश और आनंद वहां से रवाना हो गए।

विशाल और आनंद अपनी-अपनी स्कूटी से निकले। सोनम जिस स्कूटी से राजा के साथ आई थी, उस स्कूटी को आकाश ड्राइव करता हुआ ले गया। सोनम उस स्कूटी में पीछे बैठी। लगभग 12 किलोमीटर दूर सोहरारीन गांव के पास आकाश ने उस स्कूटी को मुख्य सड़क पर चाबी लगाकर छोड़ दिया।

यहां से आकाश अपने साथियों के साथ स्कूटी पर शिलॉन्ग रवाना हो गया और सोनम यहां टैक्सी से शिलॉन्ग के पुलिस बाजार चौक पहुंची। यहां एक पब्लिक टॉयलेट में उसने बुर्का पहना। फिर यहां से टैक्सी लेकर वह गुवाहटी पहुंची। गुवाहटी से सिलीगुड़ी, पटना, लखनऊ होते हुए सोनम इंदौर पहुंच गई।

मगर, सोनम और राजा के परिवार वाले दोनों के मोबाइल बंद होने के बाद घबराकर वहां पहुंचे। 24 तारीख को राजा और सोनम की गुमशुदगी सोहरा थाने में दर्ज हुई।

24 मई को सोहरा थाने में सोनम और राज की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।

24 मई को सोहरा थाने में सोनम और राज की गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कर जांच शुरू की गई थी।

इधर, मीडिया में हनीमून पर इंदौर के कपल के लापता होने की खबरें आनी शुरू हुईं। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने मेघालय सरकार से लापता कपल को ढूंढने के लिए सर्च ऑपरेशन चलाने का आग्रह किया। इंदौर सांसद शंकर ललवानी शिलॉन्ग पहुंच गए। उन्होंने सरकार के अधिकारियों से बात की।

सोनम का भाई गोविंद और राजा का भाई विपिन भी वहां दोनों को तलाशने पहुंच गए। मेघालय पुलिस ने एक हफ्ते की मशक्कत के बाद ये डिटेक्ट कर लिया कि जिस वाइसाडोम में स्कूटी 18 मिनट खड़ी रही थी, वहां नीचे एक लाश है। बारिश के बीच सर्च ऑपरेशन चलता रहा। आखिरकार 2 जून को एक लाश मिली।

राजा के भाई ने उसकी पहचान राजा के तौर पर की। अब एनडीआरएफ और एसडीआरएफ को आशंका थी कि सोनम की लाश भी इसी तलहटी में कहीं होगी। सर्च ऑपरेशन चलता रहा। राजा की लाश मिलने के बाद 3 और 4 जून को सर्च ऑपरेशन और तेज हो गया। तभी एक खून से सनी जैकेट मिली।

होटल के सीसीटीवी फुटेज में इस तरह की जैकेट सोनम को पहने देखा गया था। ये आशंका और मजबूत हो गई कि सोनम की लाश भी वहीं कहीं हो सकती है।

मेघालय पुलिस को तलाशी के दौरान ये जैकेट मिला था। ऐसा ही जैकेट सोनम ने भी पहना था।

मेघालय पुलिस को तलाशी के दौरान ये जैकेट मिला था। ऐसा ही जैकेट सोनम ने भी पहना था।

इधर, सोनम के भाई गोविंद ने मीडिया को बयान दिया कि उसका मन कह रहा है कि उसकी बहन जिंदा है। उसके साथ कोई अनहोनी हुई है। उधर, राजा की लाश की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और मौत का टाइम मिलने के बाद मेघालय पुलिस ऑपरेशन हनीमून के तहत एक एसआईटी बनाई। एसआईटी क्या कर रही है, ये किसी को कानों कान खबर नहीं थी।

एसआईटी की अलग-अलग टीमें काम में जुट गईं। एक टीम ने सोनम और राज का पूरा ट्रैक रूट किया। एक टीम ने उस तारीख का पूरा पीएसटीन डेटा निकाला। ताकि पता चल सके कि उस टावर के आसपास कितने नंबर सक्रिय थे। 2 लाख नंबरों में 15 संदिग्ध नंबर पहचाने गए।

जिन नंबरों की लोकेशन वाइसाडोम के उस टावर पर मिली, वो इंदौर, ललितपुर और सागर के थे। शिलॉन्ग पुलिस इन ठिकानों पर पहुंची तो पता चला कि ये लड़के अपने घरों में नहीं है। पुलिस ने इनकी कॉल डिटेल्स से इंदौर में राज कुशवाहा को ट्रैक कर लिया। फिर एक-एक कर चार लड़कों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

पुलिस ने जब आकाश को गिरफ्तार किया तो राज ने सोनम को फोन किया कि वह इंदौर से चले जाए। प्लान के मुताबिक सोनम सिलिगुड़ी के लिए रवाना हो गई। ताकि वह वहां ये कहानी गढ़ सके कि उसके साथ गलत हुआ है। इधर, पुलिस ने अगले ही दिन राज को भी गिरफ्तार कर लिया।

राज पर प्रेशर हुआ तो सोनम गाजीपुर के एक ढाबे में पहुंच गई। 8 जून की रात को यूपी पुलिस ने सोनम को अपनी कस्टडी में ले लिया। तब तक तस्वीर से ये साफ हो गया था कि राजा के मर्डर में सोनम की भी भूमिका है। शिलॉन्ग एसपी विवेक स्येम ने 12 जून को हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया सोनम का ब्वॉयफ्रेंड राज कुशवाहा ही इस पूरे हत्याकांड का मास्टरमाइंड है।

एसपी ने ये भी बताया कि राज जानबूझकर शिलॉन्ग नहीं आया था, ताकि किसी को संदेह न हो। लेकिन राज के नंबर पर विशाल चौहान, आकाश राजपूत और आनंद कुर्मी से लगातार बात करने के प्रमाण हैं। इसी नंबर से राज की सोनम के नंबर पर भी बात हो रही थी। इन्हीं कॉल डिटेल्स के आधार पर पुलिस ने इस हत्याकांड की कड़ियां जोड़ीं।

एसपी विवेक स्येम ने बताया कि दोनों रिलेशनशिप में थे। प्लान के मुताबिक ही शादी के बाद सोनम ने हनीमून पर जाने के लिए टिकट बुक कराई। पहले गुवाहटी और फिर शिलॉन्ग जाना तय हुआ। पहले ये तैयारी थी कि राजा को गुवाहटी में ही मौत के घाट उतार दिया जाए, लेकिन ऐसा संभव नहीं हो पाया। इसके बाद शिलॉन्ग से 70 किलोमीटर दूर सोहरा के वाइसाडोम में हत्या को अंजाम दिया गया।

पूरी कहानी सामने आने के बाद मेघालय पुलिस ने सबूत जुटाना शुरू किए। इसके लिए पुलिस की दो टीम 17 जून को इंदौर पहुंची। टीम यहां 25 जून तक रही। इस दौरान सोनम और राजा के परिवार के लोगों से बात की। सोनम के पास एक काला बैग था उसकी तलाश की।

सोनम इंदौर में जिस फ्लैट पर रुकी थी वहां जाकर सबूत जुटाए इस दौरान पुलिस ने किराए पर फ्लैट देने वाले शिलाम जेम्स और चौकीदार बलवीर अहिरवार के साथ फ्लैट के मालिक लोकेंद्र तोमर को भी गिरफ्तार किया। तीनों पर सबूतों को मिटाने और छेड़छाड़ के आरोप हैं। वहीं राज, सोनम, विशाल, आकाश और आनंद फिलहाल जेल में हैं।

(नोट- यह पूरी रिपोर्ट मेघालय पुलिस , आरोपी सोनम और मृतक राजा के परिजन से दैनिक भास्कर की बातचीत और उनके बयानों के आधार पर है। मेघालय पुलिस 90 दिनों के बाद जब इस केस की फाइनल चार्जशीट कोर्ट के सामने पेश करेगी, तो इस रिपोर्ट के तथ्यों में बदलाव की संभावना है।)



Source link