JEE में 1288 रैंक, इंजीनियरिंग बनी पसंद, पिता बने आदर्श, IIT में बनाई जगह

JEE में 1288 रैंक, इंजीनियरिंग बनी पसंद, पिता बने आदर्श, IIT में बनाई जगह


IIT JEE Story: समर्पण और ईमानदारी से अगर आप अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते हैं, तो उसमें सफल होने से कोई नहीं रोक सकता है. इसी तरह हैदराबाद के मणिदीप राम गुंजे (Manideep Ram Gunje) ने जेईई में शानदार परफॉर्म करते हुए आईआईटी में एडमिशन पाने सफल रहे हैं. उन्होंने जेईई मेन 2023 में ऑल इंडिया रैंक 527 और जेईई एडवांस्ड में 1288 रैंक हासिल की हैं. IIT में प्रवेश मिलना उनके लिए न केवल एक उपलब्धि थी, बल्कि आत्मनिर्भरता और आत्मविकास का पहला ठोस कदम भी था.

JEE में हासिल की 1288 रैंक 

जेईई एडवांस्ड 2023 में 1288 रैंक हासिल करने वाले मणिदीप राम गुंजे ने कक्षा 10वीं तक DAV पब्लिक स्कूल, सफिलगुडा (हैदराबाद) से पढ़ाई की, जहां एक मजबूत शैक्षणिक नींव बनी और विभिन्न सह-पाठ्यक्रम गतिविधियों में भाग लेने का अवसर मिला. कक्षा 9वीं से ही उन्होंने प्रतिस्पर्धी परीक्षाओं की तैयारी की दिशा में कदम बढ़ाया और JEE की कोचिंग शुरू की. स्कूल और कोचिंग के बीच संतुलन बनाना आसान नहीं था, लेकिन कोचिंग ने उन्हें टाइम मैनेजमेंट, अनुशासन और आत्मनियंत्रण सिखाया.

बायोलॉजी में रूचि लेकिन अपनाया इंजीनियरिंग

शुरुआत में मणिदीप का रुझान गणित और जीव विज्ञान दोनों की ओर समान रूप से था. कक्षा 10वीं तक उन्होंने दोनों विषयों को गंभीरता से लिया और 11वीं में फिजिक्स, केमेस्ट्री, मैथ्स और बायोलॉजी (PCMB) लेने का विचार किया. लेकिन जल्द ही यह स्पष्ट हो गया कि किसी एक दिशा में फोकस करना अधिक व्यावहारिक और प्रभावशाली होगा. इंजीनियरिंग न केवल उनकी रुचि और क्षमता के अनुकूल थी, बल्कि डॉक्टर बनने की लंबी और महंगी यात्रा की तुलना में अधिक यथार्थवादी विकल्प भी थी. इस निर्णय में उनके पिता, जो खुद एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं, उनकी प्रेरणा का बहुत बड़ा योगदान रहा है.

स्कूल से लेकर JEE की तैयारी तक

मणिदीप राम गुंजे के पिता एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं. वह मणिदीप को हमेशा तार्किक सोच और टेक्नोलॉजी में रुचि को प्रोत्साहित करते रहे हैं. दूसरी ओर उनकी मां एक गृहिणी हैं, जो उनके भावनात्मक संतुलन की रीढ़ रही हैं. उनका लगातार समर्थन, प्रेरणा और समझ ने मणिदीप की JEE की यात्रा को आसान बना दिया. हालांकि उन्होंने NTSE (दोनों चरण), NSEJS और अन्य ओलंपियाड में सफलता प्राप्त की थी, लेकिन असली संघर्ष 11वीं और 12वीं में शुरू हुआ.

JEE क्रैक करने के लिए इन चीजों को छोड़ा

मणिदीप की दिनचर्या बेहद अनुशासित थी. क्लास में ध्यानपूर्वक नोट्स बनाना, घर लौटकर नियमित रूप से रिवीजन करना, और मॉड्यूल से निरंतर प्रैक्टिस करना था. केमेस्ट्री के लिए उन्होंने कई संदर्भ पुस्तकों की मदद ली जिससे उनकी अवधारणाएं और भी स्पष्ट हो सकीं. JEE की तैयारी के दौरान उन्होंने कई व्यक्तिगत बलिदान दिए. वह सोशल मीडिया से दूरी, YouTube और मनोरंजन से परहेज़, दोस्तों से कम मिलना और मोबाइल फोन से लगभग पूरी तरह दूरी बना लिए. उनका जीवन एक सूत्र में बंध गया था: पढ़ो, खाओ, सोओ, दोहराओ. इस निरंतरता और अनुशासन ने ही उन्होंने सफलता दिलाई.

यहां से कर रहे हैं बीटेक

JEE मेन 2023 और एडवांस्ड दोनों में मणिदीप ने शानदार परफॉर्म किया है. इसके बाद उन्हें IIT गुवाहाटी में कंप्यूटर साइंस और इंजीनियरिंग ब्रांच में दाखिला मिल गया है. लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार वर्तमान में वह तीसरे वर्ष में हैं.



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