बुरहानपुर का चमत्कारी दुलदुल घोड़ा! 90 साल से पूरी कर रहा है मन्नतें, जानिए रहस्यमयी कहानी

बुरहानपुर का चमत्कारी दुलदुल घोड़ा! 90 साल से पूरी कर रहा है मन्नतें, जानिए रहस्यमयी कहानी


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Burhanpur News: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में मोहर्रम के अवसर पर “दुलदुल घोड़े” की विशेष पूजा होती है. यह चीनी का घोड़ा करीब 90 साल पुराना है, जिसे हैदराबाद की बहनों ने मन्नत पूरी होने पर चढ़ाया था.

हाइलाइट्स

  • “दुलदुल घोड़े” की विशेष पूजा होती
  • हैदराबाद की बहनों ने मन्नत पूरी होने पर चढ़ाया
  • 90 साल पुराने दुलदुल घोड़े की सच्ची दास्तान
बुरहानपुर. मध्य प्रदेश एक प्राचीन शहर है यहां पर आज भी कई प्राचीन स्मारक स्टैचू और कई मंदिर और मस्जिद गुरुद्वारे हैं, जिनकी अपनी-अपनी कहानी है. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के प्रतापपुरा क्षेत्र में भी 90 साल पुराना एक चीनी का घोड़ा है, जिसको दुलदुल घोड़े के नाम से जाना जाता है. मोहर्रम में इसको बैठाया जाता है. यहां पर दूर-दूर से लोग जियारत करने के लिए पहुंचते हैं. क्षेत्र के अमीन अहमद ने जानकारी देते हुए बताया कि यह हैदराबाद की दो बहनों ने यहां पर मन्नत मांगी थी. मन्नत पूरी होने पर उन्होंने यह चीनी का घोड़ा दिया था. यह 90 साल पुराना चीनी का घोड़ा है. मोहर्रम में इसको बैठाया जाता है. लोग इसकी पूजा अर्चना और जियारत करने के लिए पहुंचते हैं. यहां पर मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के लोग भी आते हैं. यह निमाड़ क्षेत्र का एकमात्र ऐसा स्थल है कि जहां पर घोड़े की भी पूजा-अर्चना होती है. इस दुलदुल घोड़े की कहानी कुछ ऐसी अमीन अहमद बताते हैं कि दुलदुल घोड़ा इसलिए कहा जाता है, क्योंकि यह हजरत इमाम हुसैन का घोड़ा है. इमाम हुसैन के लिए या घोड़ा बिना पानी पिए ही प्यासा शहीद हो गया था.

क्षेत्र वासियों ने दी जानकारी 
लोकल 18 की टीम ने जब क्षेत्र के अमीन अहमद से बात की तो उन्होंने बताया कि यह करीब 90 साल पुराना घोड़ा है. इसको दुल दूल घोड़े के नाम से भी जाना जाता है. हैदराबाद की दो बहनों ने संतान के लिए यहां पर मन्नत मांगी थी. मोहर्रम में जब उनकी मन्नत पूरी हुई तो उन्होंने यहां पर एक घोड़ा चीनी का दिया था. जिसकी आज भी पूजा अर्चना होती है लोग यहां पर शादी विवाह और बच्चों के लिए मन्नतें भी मांगते हैं. उनकी मन्नत पूरी होती है तो सिरनी और फूल चढ़ाए जाते है. तो वही लंगर का आयोजन भी किया जाता है.

मन्नत पूरी होने पर चढ़ाते हैं चांदी के घोड़े 
मन्नत पूरी होने पर लोगों द्वारा अपनी इच्छा के अनुसार छोटे चांदी के घोड़े और छत्र भी चढ़ाए जाते हैं. यहां पर अभी चांदी के घोड़े की संख्या 50 से अधिक हो गई है. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि हम इन घोड़े को दुल दूल घोड़े के पास ही रख देते हैं. मध्य प्रदेश महाराष्ट्र से भी लोग यहां पर दुआ और जियारत करने के लिए पहुंचते हैं. मोहर्रम में यहां पर लोगों की सबसे अधिक भीड़ देखने को मिलती है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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