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Red Sand Boa Snake: इंदौर के मानपुर क्षेत्र में पुलिस ने एक दुर्लभ और संरक्षित रेड सैंड बोआ सांप की तस्करी करते हुए चार तस्करों को गिरफ्तार किया है.
इंदौर जिले के मानपुर थाना क्षेत्र में पुलिस ने एक दुर्लभ और संरक्षित प्रजाति के रेड सैंड बोआ सांप के तस्करों को पकड़ा है. इस सांप को चकलोन या दोमुंहा सांप भी कहा जाता है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस सांप की कीमत 1 करोड़ से लेकर 25 करोड़ रुपए तक बताई जाती है.

यह कार्रवाई बीते शुक्रवार को धार जिले से लगे लेबड बायपास के पास चिनार ग्रीन कॉलोनी गेट के पास की गई. मानपुर पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध व्यक्ति एक दोमुंहा सांप को भारी दामों पर बेचने की फिराक में ग्राहक का इंतजार कर रहे हैं. तत्काल कार्रवाई करते हुए पुलिस टीम मौके पर पहुंची और चार आरोपियों को रंगेहाथ दबोच लिया.

पकड़े गए आरोपियों में नागुल अंजनेयुलु गौड़ (तेलंगाना), चंद्रकांत नागरगोजे (महाराष्ट्र), भूरा उर्फ अब्दुल वाहिद कुरैशी (इंदौर) और सुनील धोरात (देवास) शामिल हैं. पुलिस ने इनके पास से एक दुर्लभ रेड सैंड बोआ सांप, इलेक्ट्रॉनिक वेट मशीन, इंच टेप, सिरिंज, और पाइप जब्त किए हैं.

मानपुर टीआई लोकेंद्र सिंह हिहोर के मुताबिक, यह सांप पूरी तरह संरक्षित प्रजाति में आता है और इसके व्यापार पर पूर्ण प्रतिबंध है. आरोपी इसे करीब डेढ़ करोड़ में बेचने की योजना बना रहे थे. सांप को एक बैग में छुपाकर रखा गया था और विशेष उपकरणों से उसका वजन नापा जा रहा था.

पुलिस के अनुसार, यह गिरोह इस सांप की तस्करी कर इसे चीन, सऊदी अरब और अन्य विदेशी बाजारों में ऊंचे दामों में बेचने की योजना बना रहा था. इन देशों में इसका उपयोग औषधीय और तांत्रिक क्रियाओं के लिए होता है.

हाल ही में उत्तराखंड पुलिस ने भी इसी तरह के एक मामले में देहरादून में अंतरराष्ट्रीय पशु तस्कर गिरोह लाडवा गैंग के तीन सदस्यों को पकड़ा था. उनके पास से भी एक जीवित दोमुंहा सांप बरामद किया गया था, जिसे तांत्रिक क्रियाओं के लिए बेचने की प्लानिंग थी.

स्नैक कैचर महादेव पटेल बताते है कि, यह सांप इंसानों के लिए हानिकारक नहीं होता. ये आमतौर पर छोटे शिकार जैसे चूहे, कीड़े या छोटे सांपों को खाकर जीवित रहता है. इसकी पूंछ का आकार मुंह जैसा होता है, इसलिए इसे दोमुंहा सांप कहा जाता है. यह विशेषता ही इसे दुर्लभ और तांत्रिकों के लिए आकर्षक बनाती है.

हालांकि, वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत इस सांप का व्यापार पूरी तरह गैरकानूनी है. बावजूद इसके इसकी भारी अंतरराष्ट्रीय मांग और कीमत के चलते तस्कर इसे अवैध रूप से पकड़कर बेचने की कोशिश करते हैं.

वहीं, पुलिस अब यह पता लगाने में जुटी है कि इस गिरोह के अन्य सदस्य कहां हैं और क्या यह किसी बड़े तस्करी नेटवर्क से जुड़े हैं. जब्त सांप को वन विभाग को सौंप दिया गया है, ताकि इसे सुरक्षित स्थान पर छोड़ा जा सके.

आमजन से भी अपील की गई है कि यदि कहीं इस तरह की गतिविधियां नजर आती हैं तो तुरंत पुलिस या वन विभाग को सूचित करें. ऐसे दुर्लभ जीवों का संरक्षण हमारी जिम्मेदारी है, क्योंकि इनका अस्तित्व हमारी जैव विविधता के लिए बेहद जरूरी है.