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Burhanpur Ground Report: जहां एक तरफ हमारा देश इतना आगे बढ़ चुका है वहीं दूसरी तरफ एक गांव ऐसा भी है जहां के लोगों को मामूली सुविधा भी नहीं मिल पा रही है.
हाइलाइट्स
- मगर डोह गांव में आजादी के 75 साल बाद भी सड़क नहीं बनी.
- बरसात में कीचड़ और गड्ढों से गांव में आना-जाना मुश्किल.
- मरीजों को खटिया पर ले जाने की मजबूरी.
जिस कारण स्कूली विद्यार्थी सहित आम लोगों को बरसात के दिनों में आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन जिम्मेदार इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. जिसका खामियाजा हमें भुगतना पड़ता है. बरसात के समय में यह मार्ग पर कीचड़ हो जाता है. बड़े-बड़े गड्ढे होने से जल जमाव की स्थिति बनती है. ऐसे में लोग गिरने से भी घायल होते हैं सबसे अधिक परेशानी तब जाती है जब गांव में किसी की मौत हो जाती है और उसकी शव यात्रा लेकर शमशान तक जाना होता है जब कोई गांव में बीमार भी होता है तो उसे खटिया पर ले जाने के लिए हम मजबूर हो जाते हैं. अब गांव के लोगों ने जिला प्रशासन से रोड का निर्माण कार्य हो इसकी गुहार लगाई है.
लोकल 18 की टीम ने जब गांव के बहादुर से बात की तो उन्होंने बताया कि स्कूल जाने वाले बच्चे और आम लोग जब गांव में किसी का देहांत हो जाता है तो उनकी शव यात्रा ले जाने के लिए भी हमको काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. मरीजों को तो हम खटिया पर डाल कर ले जाते हैं. क्योंकि यहां पर आने-जाने का रास्ता भी काफी कठिन है और रोड नहीं बना हुआ है जिस कारण यह समस्या आ जाती है. हमने कई बार जिला प्रशासन के संज्ञान में यह मामला डाला लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.
आजादी के 75 साल के बाद भी नहीं बना रोड
आजादी के 75 साल पूरे हो गए हैं लेकिन उसके बावजूद भी आज तक गांव का रोड नहीं बना है. यह गांव मगर डोह गांव है जहां के आसपास में करीब एक दर्जन से अधिक गांव है करीब 5 हजार लोग इससे प्रभावित होते हैं लेकिन जिम्मेदार इस और कोई ध्यान नहीं दे रहे है. गांव के लोगों का कहना है कि हमने करीब 100 से अधिक बार इसकी शिकायत पंचायत से लेकर तो कलेक्टर कार्यालय में भी की लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है.