एक कमरा, पांच कक्षाएं और 43 बच्चे…बुरहानपुर में शिक्षा की हालत देख आंखें भर आएंगी!

एक कमरा, पांच कक्षाएं और 43 बच्चे…बुरहानपुर में शिक्षा की हालत देख आंखें भर आएंगी!


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Burhanpur Education Crisis: बुरहानपुर के इंदिरा कॉलोनी क्षेत्र में पिछले पांच साल से सरकारी स्कूल एक ही कमरे में संचालित हो रहा है. कक्षा 1 से 5 तक के 43 बच्चे एक साथ पढ़ते हैं. पढ़िए ज़मीनी सच्चाई.

हाइलाइट्स

  • एक ही कमरे में पहली से पांचवी तक की कक्षाएं चल रही हैं.
  • स्कूल भवन टूटने के बाद पुरुषार्थ स्कूल में शिफ्ट किया गया.
  • विद्यार्थियों को पढ़ाई में हो रही है कठिनाई.
मोहन ढाकले/बुरहानपुर. मध्य प्रदेश सरकार विद्यार्थियों को लाभ देने के लिए कई प्रकार की योजनाएं चला रही है लेकिन मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले में पिछले 5 वर्षों से एक कमरे में कक्षा पहली से लेकर कक्षा 5 तक स्कूल का संचालन किया जा रहा है. जिस कारण ग्राउंड पर विद्यार्थियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा हैं. लेकिन जिम्मेदार कोई ध्यान नहीं दे रहे हैं. गौरतलब है कि इस स्कूल का संचालन इंदिरा कॉलोनी क्षेत्र में सरकारी हिंदी प्राथमिक शाला के नाम से किया जाता था. लेकिन वहां का भवन जर्जर होने से टूट गया था. जिसके बाद इस स्कूल को पुरुषार्थ स्कूल में शिफ्ट किया गया था. तब से लेकर आज तक यह स्कूल वहीं पर लग रही है लेकिन एक ही कमरा है वहां पर पहली से लेकर पांचवी तक पढ़ने वाले विद्यार्थी बैठते हैं. विद्यार्थियों की संख्या करीब 43 है जिस कारण उन्हें काफी दिक्कत आती है.

परिजनों ने बताई समस्या 
लोकल 18 की टीम ने जब ग्राउंड पर पहुंचकर विद्यार्थियों के परिजन सुखलाल से बात की तो उन्होंने बताया कि हमारे बच्चे जिस स्कूल में हैं उस स्कूल का भवन टूट गया है. उसको अभी पुरुषार्थी स्कूल के एक कमरे में संचालित किया जाता है. जहां पर कक्षा पहले से लेकर पांचवी तक स्कूल संचालित होती है. यह शासकीय नवीन प्राथमिक हिंदी शाला इंदिरा कॉलोनी की है लेकिन उसको यहां पर संचालित किया जा रहा है जिस कारण विद्यार्थियों की पढ़ाई भी नहीं हो पाती है. जिम्मेदारों को ध्यान देकर नवीन भवन बनाना चाहिए ताकि सभी कक्षाएं अलग-अलग कक्ष में लगे और विद्यार्थियों की अच्छी पढ़ाई हो.

जिम्मेदारों ने यह दिया जवाब 
जब लोकल 18 की टीम ने जिला शिक्षा अधिकारी संतोष सिंह सोलंकी और स्कूल की प्राचार्य कल्पना पवार से बात की तो उन्होंने बताया कि यहां पर कक्षा पहले से लेकर पांचवी तक स्कूल का संचालन किया जाता है. हमने शासन से पत्राचार भवन के लिए क्या है. लेकिन अभी तक कोई भवन नहीं मिल पाया है. यहां पर 43 बच्चे दर्ज हैं. एक ही कमरे में बैठकर हम भी इनको पढ़ाते हैं, दो शिक्षिकाओं की यहां पर नियुक्ति हुई है.

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