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Raja Bhoj Kahawat ki Sachhayi: भोपाल से जुड़ी मशहूर कहावत “कहां राजा भोज कहां गंगू तेली” के पीछे की असली कहानी क्या है? जानिए कौन थे राजा भोज, गंगू और तेली, और कैसे बनी ये ऐतिहासिक कहावत.
हाइलाइट्स
- राजा भोज ने गंगू तेली को हराया था.
- कहावत का संबंध भोपाल से है.
- गंगू तेली दो अलग-अलग राजा थे.
आपने अक्सर सुना होगा “कहां राजा भोज, कहां गंगू तेली!” जब दो चीज़ों या लोगों के बीच भारी फर्क बताना हो, तो ये कहावत मुंह से अपने-आप निकल जाती है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इस कहावत की जड़ क्या है? कौन थे राजा भोज और कौन था गंगू तेली?
कैसे बनी कहावत?
तो फिर कौन था गंगू तेली?
गंगू, दरअसल कलचुरी वंश के राजा गांगेयदेव थे.
इतिहासकारों की मानें तो ये दोनों राजा एक बार राजा भोज पर हमला करने के लिए एकजुट हो गए थे, लेकिन राजा भोज ने छोटी सी सेना के साथ इन दोनों को करारी शिकस्त दी. कहावत का मतलब सिर्फ मज़ाक नहीं, असल में है एक ऐतिहासिक जीत
इसका मतलब था… एक तरफ वो जो ताकतवर, ज्ञानी और बहादुर है… और दूसरी ओर वो जो उसके सामने कहीं नहीं टिकता.
आज भी जुबान पर ज़िंदा है ये कहावत