प्रदर्शन में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल रहीं।
गुना में स्मार्ट मीटर और बिजली के निजीकरण के विरोध में मंगलवार को ऑल इंडिया बिजली उपभोक्ता एसोसिएशन के बैनर तले बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर उतरे। नागरिक रैली के रूप में कलेक्टर कार्यालय पहुंचे और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा। उन्होंने मांग की कि
.
ज्ञापन में बताया गया कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद उपभोक्ताओं के बिजली बिल हजारों से बढ़कर लाखों में पहुंच गए हैं। लक्ष्मीनगर निवासी अभिषेक सेन का बिल 137 से बढ़कर 13 हजार हो गया। कुलदीप ओझा का 200 रुपए से सीधा 37 हजार पहुंचा।
घर में एक पंखा और एक बल्ब पर बिल 28 हजार पिपरोदा गांव की एक महिला रोते हुए बोली, मैं घर-घर सब्जी बेचती हूं। घर में एक पंखा और एक बल्ब है, लेकिन बिल 28 हजार रुपए आया है। गजनाई गांव के एक व्यक्ति का बिल 2.62 लाख, ब्रजबिहार कॉलोनी के उपभोक्ता का 4.90 लाख रुपए तक का बिल आया है।
कलेक्ट्रेट में नारेबाजी करते प्रदर्शनकारी।
30 कॉलोनियों से आए लोग, जताया विरोध ज्ञापन देने आए लोगों ने बताया कि यह सिर्फ गुना का मामला नहीं है, जहां-जहां स्मार्ट मीटर लगे हैं, वहां जनता परेशान है और विरोध कर रही है। लोग सुनवाई के लिए दर-दर भटक रहे हैं लेकिन राहत नहीं मिल रही।

प्रशासन को ज्ञापन सौंपते नागरिक।
सरकार कंपनियों को थाने खोलने दे रही मंजूरी: एसोसिएशन एसोसिएशन के मनीष श्रीवास्तव ने कहा, “एक तरफ सरकार कहती है कि बिजली सबका अधिकार है, दूसरी ओर स्मार्ट मीटर लगाकर अंधेरा फैलाने पर आमादा है। बिजली कंपनियों को पुलिस थाने खोलने की इजाजत दी जा रही है। ये कदम जनहित के खिलाफ हैं।”

कलेक्ट्रेट के गेट से अन्दर तक रैली निकाली गई।
सरकार नहीं मानी तो होगा उग्र आंदोलन ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि अगर स्मार्ट मीटर योजना और निजीकरण की नीति वापस नहीं ली गई, तो जनता उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होगी। आंदोलन में शहर की करीब 30 कॉलोनियों के लोग शामिल हुए।