श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर, भानपुर में मुनि श्री निर्वेग सागर महाराज के सान्निध्य में आयोजित श्री सिद्ध चक्र महामंडल विधान में श्रद्धालुओं ने आस्था और भक्ति का अनुपम संगम प्रस्तुत किया। इस अवसर पर प्रभु पार्श्वनाथ का अभिषेक, शांतिधारा और पंचामृ
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श्रद्धालुओं ने ‘श्री सिद्ध चक्र का पाठ करो, फल पायो मेना रानी…’ जैसे भक्ति गीतों के साथ प्रभु की महिमा का गुणगान किया। मुनिश्री ने प्रवचन में कहा- धर्म का पर्याय है दया। जब तक परिणामों में निर्मलता, भावनाओं में शुद्धि और आत्मा में पवित्रता नहीं होगी, तब तक अनुष्ठान केवल औपचारिक रह जाएंगे।
इस धार्मिक आयोजन में मंदिर समिति के अध्यक्ष संदीप जैन ‘बंसिया’ एवं चातुर्मास समिति अध्यक्ष धर्मचंद जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु शामिल हुए। सभी ने मुनिश्री को श्रीफल अर्पित कर आशीर्वाद लिया।
श्रद्धालुओं ने ‘श्री सिद्ध चक्र का पाठ करो, फल पायो मेना रानी…’ जैसे भक्ति गीतों के साथ प्रभु की महिमा का गुणगान किया।
प्रवक्ता अंशुल जैन ने जानकारी दी कि अनुष्ठान के प्रमुख पात्रों में वेद भारती, सो धरम, इंद्र-इंद्राणी, जीतेश, आभा, प्रवीण, कुबेर, लीना, मेना सुंदरी, वीरेंद्र, एकता आदि शामिल रहे। सभी ने मंडल पर श्रीफल समर्पित कर अपनी श्रद्धा प्रकट की। धार्मिक अनुष्ठान ब्रह्मचारिणी सविता दीदी व अंकित भैया के निर्देशन में विधिपूर्वक संपन्न हुए।
आयोजन के अंत में अध्यक्ष संदीप बंसिया ने बताया कि 12 जुलाई को दोपहर 1 बजे चातुर्मास स्थापना का कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस अवसर पर संदीप बंसिया, धर्मचंद जैन, रमेश जैन, श्रीपाल जैन, इंद्र जैन, डब्बू, प्रदीप जैन, वीरेंद्र जैन सहित अन्य श्रद्धालु उपस्थित रहेंगे।