Sagar News: नन्ही वैज्ञानिक का कमाल, ऐसा किया तो दोगुना चलेगा गैस सिलेंडर

Sagar News: नन्ही वैज्ञानिक का कमाल, ऐसा किया तो दोगुना चलेगा गैस सिलेंडर


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Sagar News: 10वीं की छात्रा सुप्रिया साहू ने लोकल 18 को बताया कि बर्तन के चारों ओर एल्युमिनियम फॉइल लपेटकर उसके अंदर की तरफ स्पाइडर ब्लेड को बेल्ट किया जाता है.

सागर. रसोई गैस किचन की लाइफ लाइन होती है. बिना गैस के हमारे घरों में खाना नहीं पकाया जा सकता और घरेलू गैस के विकल्प भी काफी कम हैं लेकिन क्या हमने कभी यह सोचा है कि खाना पकाने के दौरान जब हम गैस का प्रयोग करते हैं, तो कुछ ऊष्मा बर्तन के बाहर भी निकलती है, जो बेकार चली जाती है और चाह कर भी हम उसका प्रयोग नहीं कर पाते हैं. इस तरह से हर बार हमारी आधी गैस व्यर्थ चली जाती है लेकिन बेकार होने वाली इस गैस का प्रयोग भी आप कर सकते हैं क्योंकि मध्य प्रदेश की 16 साल की छात्रा सुप्रिया साहू ने एक ऐसा फार्मूला निकाला है, जिसको अपनाने मात्र से आपका घरेलू गैस सिलेंडर ज्यादा चलेगा. इससे समय की बचत होगी और पैसे भी बचेंगे क्योंकि जब गैस ज्यादा दिन तक चलेगी, तो आपकी पॉकेट का लोड कम हो जाएगा.

अगर कोई अपने घर में इस फार्मूले को अपनाना चाहता है, तो एल्युमिनियम को एक बॉक्स टाइप में बना सकते हैं, जिसमें हम बर्तन को आसानी से रख सकें और उस बर्तन के नीचे तक यह एल्युमिनियम का कवर हो, जिससे कि गैस से जो भी ऊष्मा निकले, वह पूरी बर्तन की सतह पर लगे. इससे वह जल्दी गर्म होगा और गैस कम खर्च होगी.

सागर इंस्पायर अवॉर्ड विज्ञान प्रदर्शनी में लाईं मॉडल
दमोह जिले की तेंदूखेड़ा ब्लॉक की 10वीं की छात्रा सुप्रिया साहू सागर इंस्पायर अवॉर्ड विज्ञान प्रदर्शनी में अपना मॉडल लेकर आई थीं. उन्होंने लोकल 18 को बताया कि बर्तन के चारों ओर एल्युमिनियम फॉइल लपेटी जाती है. उसके अंदर की तरफ स्पाइडर ब्लेड को बेल्ट किया जाता है. इससे बर्तन की साइड से निकलने वाली एनर्जी बर्तन में ही बनी रहती है और खाने को जल्द पकाने में मदद करती है. फालतू हीट के निकास के लिए बर्तन के साइड में एक छेद किया जाता है.

किचन में आया आइडिया
वह आगे बताती हैं कि एक दिन उनकी मां किचन में खाना बना रही थीं. उनका हाथ बर्तन के पास गया, तो वहां उन्हें गर्मी महसूस हुई. तभी उन्हें यह आइडिया आया. उन्होंने सोचा कि इस तरह से तो 50 फीसदी गैस बर्बाद हो जाती होगी. फिर उन्होंने सोचा कि व्यर्थ गैस का उपयोग कैसे कर सकते हैं, तो इस पर कुछ काम किया. शिक्षकों से चर्चा की, जिसके बाद एल्युमिनियम फॉइल के रूप में इस मॉडल को तैयार किया.

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