महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा- बिना जानकारी और अध्ययन के प्रदर्शन न केवल बचकाना, बल्कि शर्मनाक है।
कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी के बयान और बुधवार को नगर निगम के 22 जोनों पर किए गए प्रदर्शन को लेकर इंदौर महापौर ने तीखी प्रतिक्रिया दी है। महापौर ने कहा कि जो व्यक्ति खुद की भाषा और तथ्यों की मर्यादा नहीं समझता, वो जनता को क्या नेतृत्व देगा?
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जिस तरह की असभ्य और तथ्यहीन भाषा शैली में पटवारी ने बयान दिया, पहले तो उन्हें जनता को बताना चाहिए कि जिम्मेदार भाषा कैसी होती है। महापौर ने कहा कि देश का सबसे स्वच्छ और विकासशील शहर, इंदौर जो लगातार सात बार स्वच्छता में नंबर वन रहा है।
उसके खिलाफ स्वच्छता सर्वेक्षण के नतीजे आने से पहले ही बिना किसी जानकारी और अध्ययन के कांग्रेस द्वारा प्रदर्शन करना न केवल बचकाना, बल्कि शर्मनाक भी है। यह इंदौर की मेहनती जनता और उसकी उपलब्धियों का अपमान है।
महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने कहा-
जीतू पटवारी किस आधार पर कह रहे हैं कि नगर निगम 30 प्रतिशत पर चल रही है? दरअसल, उन्हें शायद अपने चुनावी इतिहास की याद आ गई होगी जहां हर चुनाव में उनकी संपत्ति 30-30 प्रतिशत बढ़ी है। खुद 30 प्रतिशत कमीशन खाने वाले नेता को हर जगह वही आंकड़ा दिखता है। यही नहीं, जिनकी पूरी राजनीति कमीशन के इर्द-गिर्द घूमा करती थी, अब जनता ने उन्हें पूरी तरह नकार दिया है।
कमीशन मैन पटवारी को जनता अब गंभीरता से नहीं लेती महापौर ने तंज कसते हुए कहा कि कमीशन मैन पटवारी को जनता अब गंभीरता से नहीं लेती। वो ना तो प्रदेश अध्यक्ष पद की गरिमा समझते हैं, ना जनता के विश्वास की कद्र करते हैं। इंदौर शहर को राजनीति से ऊपर रखकर देखा जाना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ शहर नहीं, बल्कि देश के लिए एक स्वच्छता और प्रबंधन का मॉडल बन चुका है।
ऐसे शहर पर आरोप लगाना, सिर्फ राजनीतिक कुंठा नहीं बल्कि शहरवासियों का अपमान भी है। महापौर ने कहा कि जनता ने जीतू पटवारी और सज्जन सिंह दोनों को बार-बार नकार दिया है। अब कम से कम वे अपनी हार स्वीकारें, अपनी सीमा में रहें और इंदौर जैसे मेहनतकश शहर की छवि बिगाड़ने से बाज आएं।