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Indore Bridge Angle Controversy: PWD मंत्री राकेश सिंह ने इंदौर ब्रिज और सेफ्टी विवाद पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में सफाई दी. बोले 90 नहीं 114 डिग्री है मोड़, सेफ्टी मेजर्स में चूक हुई तो कार्रवाई भी होगी. हर सड़क और …और पढ़ें
इंदौर ब्रिज विवाद
शिवकांत आचार्य/ भोपाल: इंदौर ब्रिज के टर्निंग एंगल और सेफ्टी मेजर्स को लेकर उठे सवालों के बीच आज PWD मंत्री राकेश सिंह ने खुलकर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपना पक्ष रखा. उन्होंने साफ कहा कि जो बातें मीडिया में फैलाई गईं, वो पूरी तरह प्रमाणिक नहीं हैं, और तकनीकी तथ्य कुछ और ही हैं.
मंत्री ने कहा कि इंदौर ब्रिज को लेकर जो 90 डिग्री मोड़ की बात सामने आ रही है, वो तथ्यात्मक रूप से गलत है. असल में ब्रिज का मोड़ 114 डिग्री का है, और टर्निंग रेडियस 20 मीटर रखा गया है, जो तकनीकी मानकों के अनुरूप है. राकेश सिंह कहते हैं कि जब डिज़ाइन तैयार होता है, तो इसमें 20 किलोमीटर प्रति घंटे की स्पीड का ध्यान रखा जाता है. मतलब ये नहीं कि सब कुछ सही है, लेकिन प्रजेंटेशन और ग्राउंड रियलिटी में फर्क होता है.
भोपाल ब्रिज के उदाहरण देते हुए मंत्री ने बताया कि 119 डिग्री के ब्रिज पर सेफ्टी मेजर्स का पालन नहीं हुआ, इसलिए वहां कार्रवाई की गई है. उन्होंने यह भी कहा कि अब से हर महीने दो बार औचक निरीक्षण किया जाएगा और इसमें चीफ इंजीनियर को भी यह नहीं बताया जाएगा कि उन्हें कहां जाना है.
राकेश सिंह ने कहा कि पूरे प्रदेश में जितने भी निर्माण कार्य चल रहे हैं, उनकी स्थिति की रिपोर्ट मंगाई गई है. एक्सपर्ट की एक कमेटी बनाई जा रही है जो सभी विवादित या संदेहास्पद मामलों की जांच करेगी. अगर कहीं पर गलती हुई है, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी. साथ ही लोकल स्तर पर अब डामर की खरीदारी नहीं होगी.
सड़क गुणवत्ता पर सवालों का जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि कोई तकनीक ऐसी नहीं आई कि गड्ढे ना हों. भारी बारिश और ट्रैफिक की वजह से ये बनते हैं, लेकिन जहां गड्ढे असामान्य होंगे, वहां कार्रवाई तय है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर पोस्ट देखकर विभाग सीधे एक्शन में नहीं आता “एक प्रक्रिया होती है… कठिनाइयां भी होती हैं… लेकिन हम सुधार के लिए तैयार हैं.”