चिट्ठी पर चिट्ठी…: नहीं हटवा पाए मोबाइल टॉवर इसलिए शुरू नहीं हो पा रहा किशनबाग अस्पताल – Gwalior News

चिट्ठी पर चिट्ठी…:  नहीं हटवा पाए मोबाइल टॉवर इसलिए शुरू नहीं हो पा रहा किशनबाग अस्पताल – Gwalior News



बहोड़ापुर के किशनबाग में एक हॉस्पिटल महज इस कारण शुरू नहीं हो पा रहा है, क्योंकि इसके गेट पर मोबाइल टॉवर है। इस टॉवर के कारण हॉस्पिटल में एम्बुलेंस प्रवेश ही नहीं कर सकती है। स्थिति यह है कि टॉवर को हटवाने के लिए स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी 4 माह से पत

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जिस कारण हॉस्पिटल तैयार होने में करीब 4 माह का समय और लगेगा। इस हॉस्पिटल के शुरू होने से बहोड़ापुर, पुरानी छावनी, मोतीझील के आसपास के करीब 1 लाख से अधिक लोगों को फायदा मिलेगा, लेकिन वह नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में मजबूरी में यहां के लोगों को उपचार के लिए करीब 12 किलो मीटर दूर जेएएच में जाना पड़ रहा है। सीएमएचओ द्वारा कई बार मोबाइल कंपनी को टॉवर हटाने के लिए पत्र लिखने के बाद जब यह नहीं हटा तो अब उन्होंने कलेक्टर कलेक्टर को पत्र लिखकर मोबाइल टॉवर हटाने के लिए कहा है।

3 मंजिला बिल्डिंग बनकर तैयार, 20% काम वाहन नहीं पहुंचने से अटका

शासन यहां 573.78 लाख रुपए की लागत से 30 बेड का हॉस्पिटल काका भूमिपूजन 10 मार्च 2022 को केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट, ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर, तत्कालीन सांसद विवेक शेजवलकर ने किया था।

{फायदा: इस हॉस्पिटल के शुरू होने से बहोड़ापुर, मोतीझील, पुरानी छावनी, शंकरपुर, पंजाबीपुरा, सिकरौदा के आसपास की करीब एक लाख की आबादी को फायदा मिलता।

{काम की स्थिति: तीन मंजिला इस हॉस्पिटल की बिल्डिंग बनकर तैयार है। अब 20% काम शेष हैं। जिसे होने में 4 माह लगेंगे।

{ये काम शेष: इस अस्पताल में मरीजों को तीसरे मंजिल तक ले जाने के लिए लिफ्ट भी लगाई जाएगी। जब लाइट फिटिंग का काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद लिफ्ट के ऑर्डर होंगे। लिफ्ट आने के बाद उसकी फिटिंग की जाएगी।

नियुक्त नहीं हुआ अभी तक मेडिकल स्टाफ

किशनबाग में बन रहे इस हॉस्पिटल में कितने डॉक्टर और कितना नर्सिंग व पैरा मेडिकल स्टाफ पदस्थ होगा, इसके लिए शासन ने अभी तक नियुक्ति करना तो दूर पद भी स्वीकृत नहीं किए हैं। जब अस्पताल का भवन बनकर तैयार हो जाएगा उसके बाद शासन पद स्वीकृत करेगा।

न दरवाजे लगे न हो पाई बिजली की फिटिंग

अस्पताल के कमरों में अभी तक न तो दरवाजों की फिटिंग की गई है। बिजली फिटिंग का काम चल रहा है। अस्पताल के वार्डों में अभी तक फायर सिस्टम के लिए पाइप की फिटिंग होना बाकी है। वार्डों की रंगाई-पुताई की जाएगी। इसके बाद अस्पताल में फिनिशिंग का काम किया जाएगा।

डीडी नगर हॉस्पिटल में 4 साल बाद विशेषज्ञ नहीं

दीनदयाल नगर में 30 बिस्तर का अस्पताल बनाया गया था। इसका उद्घाटन 26 दिसंबर 2021 में केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया,प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट,ऊर्जा मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर ने किया था। उद्घाटन के साढ़े चार साल बीत जाने के बाद भी डीडी नगर अस्पताल में अबतक मेडिसिन विशेषज्ञ की नियुक्ति नहीं हुई है। रात में अगर कोई मरीज पहुंच जाए तो उसे यहां भर्ती करने की बजाय जिला अस्पताल भेजा जाता है। प्रभारी मंत्री तुलसीराम सिलावट ने कहा था कि शासन जल्द ही डॉक्टरों के रिक्त पद भरने वाली है, लेकिन अभी तक पद भर नहीं पाए हैं। इस कारण लोगों को भी परेशानी कम नहीं हुई है।

हॉस्पिटल शुरू नहीं, जेएएच-और केआरएच में बढ़ा लोड

शहर के आसपास के इन हॉस्पिटल के शुरू नहीं होने के कारण जेएएच और केआरएच में निरंतर मरीजों का लोड बढ़ रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती को आती है। उन्हें करीब 12 किलोमीटर दूर जेएएच जाना पड़ता है।

कई पत्र भेजे, टॉवर नहीं हटा

^मोबाइल टॉवर कंपनी को 4 माह से निरंतर पत्र लिख रहे हैं, लेकिन अब तक टॉवर नहीं हटा है। अब कलेक्टर के माध्यम से कंपनी को टॉवर हटाने के लिए पत्र लिखा गया है। टॉवर हटने से हॉस्पिटल का काम में तेजी आ सकेगी। -डॉ. सचिन श्रीवास्तव, सीएमएचओ



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