टमाटर की इन किस्मों पर करें भरोसा, फिर तीन आसान काम… और बरसात में फल से भर जाएगा पूरा खेत

टमाटर की इन किस्मों पर करें भरोसा, फिर तीन आसान काम… और बरसात में फल से भर जाएगा पूरा खेत


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Tomato Farming Tips: मानसून में टमाटर की फसल नहीं हो रही सफल? तो अपनाइए ये खास किस्में. उद्यान विकास अधिकारी के अनुसार, बंपर उपज से भर जाएगा आपका खेत.

हाइलाइट्स

  • अर्का रक्षक, सम्राट और पूसा हाइब्रिड किस्में अपनाएं
  • जुलाई का समय टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त है
  • रोगग्रस्त पौधों को तुरंत हटाएं और कीटनाशक का छिड़काव करें
Tomato Farming: बरसात के मौसम में टमाटर की फसल अक्सर कीटों, रोगों और खरपतवार की वजह से बर्बाद हो जाती है, लेकिन अगर किसान कुछ आसान उपाय और सही किस्में अपनाएं तो बंपर पैदावार मिल सकती है. विंध्य क्षेत्र की मिट्टी टमाटर की खेती के लिए काफी उपजाऊ मानी जाती है. लोकल 18 से बातचीत में सोहावल विकासखंड की उद्यान विकास अधिकारी सुधा पटेल ने कई महत्वपूर्ण टिप्स साझा किए हैं, जो इस मानसून में किसानों के लिए वरदान साबित हो सकते हैं.

इन टमाटर की किस्मों पर करें भरोसा
जून के आखिरी सप्ताह से जुलाई की शुरुआत तक का समय टमाटर की खेती के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. किसानों के बीच अक्सर यह भ्रम रहता है कि खरीफ मौसम में कौन सी किस्में बेहतर होंगी. एक्सपर्ट के अनुसार अर्का रक्षक, अर्का सम्राट, पूसा हाइब्रिड-2 और विशाल सुपर जैसी किस्में खरीफ सीजन में उगाने के लिए सबसे उपयुक्त हैं. ये किस्में रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी बेहतर हैं और इनसे अच्छी पैदावार की उम्मीद की जा सकती है.

रोगग्रस्त पौधों के साथ न करें समझौता
यदि किसी पौधे में रोग या कीटों का प्रकोप दिखता है तो सबसे पहले उस पौधे को उखाड़कर मिट्टी में दबा देना चाहिए ताकि उसका संक्रमण बाकी पौधों में न फैले. इसके बाद खेत में समय-समय पर कीटनाशक का छिड़काव करते रहना चाहिए. जो किसान जैविक खेती करना चाहते हैं, वे रासायनिक कीटनाशकों की जगह नीम ऑयल का उपयोग कर सकते हैं. नीम आयल प्राकृतिक रूप से कीड़ों को दूर रखता है और मिट्टी की गुणवत्ता को भी नुकसान नहीं पहुंचाता.

निंदाई-गुड़ाई का रखें विशेष ध्यान
बरसात के मौसम में खरपतवार सबसे ज्यादा उगते हैं और ये ही कीड़ों का घर बनते हैं. इसलिए निंदाई और गुड़ाई समय पर करना बेहद जरूरी है. इससे न केवल पौधों को पर्याप्त पोषण मिलेगा बल्कि कीटनाशकों का असर भी सही पड़ेगा क्योंकि स्प्रे के वक्त कीट पौधों से हटकर खरपतवार की ओर भागते हैं. साथ ही फल की तोड़ाई करते समय ध्यान रखें कि जब टमाटर पूरी तरह पक जाएं तभी उनकी तोड़ाई करें. अधपके फल न केवल स्वाद में कम होते हैं बल्कि भंडारण के दौरान जल्दी सड़ने लगते हैं.

तैयार होने में लगता है इतना समय
एक सामान्य टमाटर का पौधा तीन महीने में पूरी तरह तैयार हो जाता है. इसमें एक महीना नर्सरी में दूसरा महीना वेजिटेटिव ग्रोथ, फिर ढाई महीने में फ्लावरिंग और फल तैयार होते हैं. इस तरह किसान 90 से 100 दिनों के भीतर बाजार में फसल भेज सकते हैं.

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