बुधवार को देश की 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर नीमच में राष्ट्रव्यापी हड़ताल हुई। इसमें आंगनबाड़ी कर्मी, आशा कर्मी, नल चालक, मध्याह्न भोजन कर्मी समेत विभिन्न क्षेत्रों के कर्मचारी शामिल हुए।
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श्रमिकों ने गांधी वाटिका में जनसभा की। कामरेड सुनील शर्मा ने सभा का संचालन किया। इसके बाद श्रमिकों ने 40 चौराहा, पुस्तक बाजार, बारादरी, फव्वारा चौक और कमल चौक होते हुए रैली निकाली।
रैली के समापन पर तहसीलदार डॉ. अजेंद्रनाथ प्रजापति को प्रधानमंत्री के नाम 21 सूत्रीय ज्ञापन सौंपा। सीटू के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कामरेड शैलेंद्र सिंह ने ज्ञापन का वाचन किया।
इसमें चार श्रम संहिताओं को समाप्त करने की मांग की गई। श्रमिकों के लिए 26 हजार से 40 हजार रुपए तक राष्ट्रीय न्यूनतम वेतन की मांग रखी गई। आंगनबाड़ी और आशा कर्मियों को स्थायी करने की मांग भी शामिल है।
असंगठित क्षेत्र के कामगारों के लिए 10 हजार रुपए मासिक पेंशन की मांग की गई। पुरानी पेंशन योजना बहाल करने, सार्वजनिक क्षेत्र का निजीकरण रोकने और बिजली संशोधन विधेयक 2022 वापस लेने की मांग भी रखी गई।
मध्य प्रदेश सरकार से श्रमिक विरोधी संशोधन वापस लेने की मांग की गई। काम के घंटे 8 से बढ़ाकर 12 करने के प्रयास रोकने और न्यूनतम वेतन की पुनरीक्षित दरों का एरियर्स सहित भुगतान करने की मांग भी शामिल है।


