विवाह में आ रही बाधा? 40 दिन में बजेगी शहनाई, बस इस मंदिर में कर लें पूजा

विवाह में आ रही बाधा? 40 दिन में बजेगी शहनाई, बस इस मंदिर में कर लें पूजा


Last Updated:

Ujjain News: मान्यता है कि श्री अप्सरेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन करने से विवाह में आ रही बाधा खत्म होती है. यहां लगातार 40 दिन तक पूजा करने होती है. जिसके बाद शादी में आ रही रुकावट खत्म होती है और विवाह के योग ब…और पढ़ें

उज्जैन. सावन के पवित्र माह की शुरुआत कुछ ही दिनों में होने वाली है. ऐसे में श्रद्धालु भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कई उपाय करते हैं. मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. यहां कण-कण में भगवान शिव का वास है. श्री अप्सरेश्वर महादेव एक ऐसा ही चमत्कारी और दिव्य शिव मंदिर है, जो उज्जैन में मोदी की गली के उत्तरी किनारे पर पटनी बाजार में स्थित है. यहां वैसे तो रोजाना कई भक्त आते हैं लेकिन सावन मास में भक्तों का यहां सैलाब उमड़ता है. आइए जानते हैं पंडित आनंद से इस मंदिर का महत्व.

पंडित आनंद ने लोकल 18 से बातचीत में कहा कि वैदिक पंचांग के अनुसार, इस साल सावन का महीना 11 जुलाई से शुरू होगा और सावन मास 9 अगस्त को खत्म होगा. सावन के महीने में भगवान शिव की पूजा की जाती है और भक्त सोमवार का व्रत रखते हैं. इस बार सावन में 4 सोमवार व्रत पड़ेंगे. उज्जैन महाकाल नगरी में 84 महादेव में 17वां स्थान रखते हैं. मंदिर के गर्भगृह में माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय की अष्टधातु की प्रतिमाएं विराजित हैं. साथ ही द्वार पर नंदी की आकर्षक प्रतिमा भी है. मंदिर में प्रतिदिन श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है.

नई-नई थीम वाली होगी महाकाल की सवारी, उज्‍जैन में सजेगा लोक-आस्था का संगम

दूर होती है विवाह में आ रही बाधा
मंदिर के पुजारी ने बताया कि श्री अप्सरेश्वर महादेव का पूजन-अर्चन करने से विवाह संबंधी परेशानियां दूर होती हैं. मान्यता है कि यहां लगातार 40 दिन तक सच्चे मन से पूजा करने से विवाह में आ रही बाधाएं दूर होती हैं और विवाह के योग बनते हैं. इनके दर्शन मात्र से ही श्रद्धालुओं की सभी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं. यहां दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं.

श्री अप्सरेश्वर महादेव स्वरूप की कथा
अप्सरा रंभा को एक बार देवों के राजा इंद्र ने श्राप दिया था. वह पृथ्वी पर गिर पड़ीं और दुखी अवस्था में थीं. पृथ्वी पर उनकी भेंट नारद मुनि से हुई. उन्होंने रंभा को महाकाल वन में एक विशेष शिवलिंग की पूजा करने के लिए कहा, जो इच्छा पूर्ति के लिए प्रसिद्ध है. रंभा ने शिवलिंग के समक्ष पूजा की और वह महादेव को प्रसन्न करने में सफल रहीं. उन्हें भगवान शिव का आशीर्वाद मिला, जिससे उसे स्वर्ग में अपना स्थान वापस मिल गया.

homedharm

विवाह में आ रही बाधा? 40 दिन में बजेगी शहनाई, बस इस मंदिर में कर लें पूजा

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.



Source link