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Sagar News: सौंदर्यीकरण होने के बाद यह सागर शहर के नए टूरिस्ट स्पॉट के रूप में उभरकर यह सामने आया लेकिन इसके साथ एक नया नाम सुसाइड पॉइंट भी जुड़ गया, जो इस ऐतिहासिक धरोहर को बदनाम कर रहा है.
झील को इस तरह से बदनाम किया जाना शहरवासी गलत मानते हैं क्योंकि यह केवल एक झील नहीं बल्कि शहर के इतिहास, संस्कृति और जीवन से जुड़ी एक अमूल्य धरोहर है. एलिवेटेड कॉरिडोर के डिवाइडर पर मार्च में ही ऊंची जाली लगाने के लिए बजट में प्रस्ताव पास किया गया था लेकिन इसके बाद से कोई अमल नहीं किया गया और जिन घटनाओं को रोकने के लिए प्रस्ताव बना था, वह ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है. पिछले हफ्ते ही दो लोगों ने यहां खुदकुशी की थी. बीते दो साल में 27 लोग एलिवेटेड कॉरिडोर से कूदे हैं, जिनमें 15 लोगों की मौत हो गई.
100 करोड़ से किया सौंदर्यीकरण
बता दें कि सागर की ऐतिहासिक धरोहर और 400 साल पहले लाखा बंजारा द्वारा खुदवाए गए इस तालाब का 100 करोड़ रुपये की लागत से सौंदर्यीकरण किया गया. तालाब की खुदाई, घाटों का निर्माण, मंदिरों का जीर्णोद्वार, चारों तरफ पाथवे और लाइटिंग की गई, तो वहीं ट्रैफिक का दबाव कम करने के लिए एक छोर से दूसरे छोर को जोड़ने के लिए 65 करोड़ रुपये की लागत से एलिवेटेड कॉरिडोर बनवाया गया था. 6 अप्रैल 2023 को इसका लोकार्पण हुआ. यह कार्य होने के बाद यह शहर के नए टूरिस्ट स्पॉट के रूप में उभरकर सामने आया लेकिन इसके साथ एक नया नाम सुसाइड पॉइंट भी जुड़ गया, जो धरोहर को बदनाम कर रहा है.
तालाब के नाम पर पड़ा शहर का नाम
सागर शहर बनने से पहले ही इस तालाब को खुदवाया गया था. फिर इसके किनारे किले का निर्माण हुआ. जिसके बाद धीरे-धीरे यहां बसावट शुरू हुई और फिर 400 एकड़ में फैले सागर जैसे दिखाई देने वाले तालाब के नाम पर ही शहर का नाम सागर हुआ था.