सावन में करनी है शिव पूजा? जानें पूजन सामग्री, कौन सा ​शिवलिंग उत्तम

सावन में करनी है शिव पूजा? जानें पूजन सामग्री, कौन सा ​शिवलिंग उत्तम


सावन का म​हीना 11 जुलाई से शुरू हो रहा है. श्रावण मास में शिवलिंग की पूजा करना शुभ फलदायी होता है. सावन में आप भगवान शिव की पूजा करके मनोकामनाओं की पूर्ति कर सकते हैं. भोलेनाथ के आशीर्वाद से भक्तों के सभी दुख मिटते हैं, अकाल मृत्यु, रोग, भय, तंत्र-मंत्र के नकारात्मक प्रभाव आदि दूर होते हैं. देवों के देव महादेव की तपस्या करके देव, गंधर्व, यक्ष, राक्षस, दैत्य, मनुष्य ने अपने मनोकामनाएं पूरी की हैं. सावन में आप शिवजी की पूजा करके अपने शुभ इच्छाओं की पूर्ति कर सकते हैं. काशी के ज्योतिषाचार्य चक्रपाणि भट्ट से जानते हैं कि सावन में शिवलिंग पूजा की सामग्री और कौन सा ​शिवलिंग उत्तम होता है?

सावन में शिवलिंग पूजा सामग्री

1. गाय का दूध
2. गाय का दही
3. गाय का घी
4. शक्कर
5. शहद
6. पंचामृत
7. नए वस्त्र
8. बेलपत्र
9. भांग
10. धतूरा
11. आक के फूल
12. शमी के पत्ते
13. चंदन, रोली
14. धूप
15. दीप
16. मौसमी फल
17. अक्षत्
18. कपूर
19. यज्ञोपवीत
20. पार्थिव शिवलिंग बनाने के लिए मिट्टी

पूजा के लिए कौन सा ​शिवलिंग उत्तम होता है?

शिव पुराण के अनुसार, कलियुग में पार्थिव शिव​लिंग की पूजा करना सबसे उत्तम होता है. कहा गया है कि जिस तरह से सभी नदियों में गंगा सबसे पावन और श्रेष्ठ हैं, उसी तरह से पार्थिव शिव​लिंग सभी शिवलिंगों में उत्तम है.

सतयुग में रत्न के बने हुए शिवलिंग की पूजा करना उत्तम फलदायी माना जाता था, वहीं त्रेतायुग में सोने से बना शिवलिंग की पूजा श्रेष्ठ थी, जबकि द्वापर युग में पारे से बना शिवलिंग पूजा के लिए अच्छा माना जाता था. आज कलियुग में पार्थिव शिवलिंग पूजा के लिए शुभ फलदायी होता है.

शिव पुराण में बताया गया है कि जिस तरह से सभी व्रतों में शिवरात्रि का व्रत उत्तम है, वैसे ही सभी प्रकार की दैवीय शक्तियों में आदिशक्ति देवी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती हैं. वैसे ही सभी लिंगों में पार्थिव​ शिवलिंग अच्छा है.

​शिवलिंग पूजा के फायदे

1. यदि आप हर दिन पार्थिव शिवलिंग बनाकर पूजा करते हैं तो जीवन के अंत में शिव जी के लोक में स्थान मिलता है.

2. ​शिवलिंग पूजा करने से धन और वैभव में बढ़ोत्तरी होती है. धन का संकट दूर होता है और माता लक्ष्मी सदैव प्रसन्न रहती हैं.

3. ​शिवलिंग की पूजा करने से अल्पायु दोष मिट सकता है. महाकाल की कृपा से अकाल मृत्यु टल सकती है.

4. शिव जी के हाथों में जीवन और मरण है. जिस पर कृपा होती है, उसे मोक्ष मिल जाता है.



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