शिक्षक भी बन रहे छात्र
इन कक्षाओं का संचालन आदर्श परिवार एवं आधुनिक नालंदा नि:शुल्क कोचिंग क्लासेज नामक एनजीओ जिला प्रशासन की सहायता से कर रहा है. इस पहल की शुरुआत 13 मार्च 2022 को हुई थी, जिसमें सतना के तत्कालीन कलेक्टर अनुराग वर्मा की महत्वपूर्ण भूमिका रही. वर्तमान में ये इसका तीसरा बैच है. इस कोचिंग की ख़ास बात यह भी है कि यहाँ के छह शिक्षक न केवल बच्चों को नि:शुल्क पढ़ा रहे हैं, बल्कि कुछ शिक्षक खुद भी सिविल सेवा की तैयारी साथ-साथ कर रहे हैं.
एनजीओ के संयुक्त संचालक सोनू प्रकाश ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि कलेक्टर सतीश कुमार एस के निर्देशन में नगर निगम कमिश्नर, एडीएम, एसडीएम, एसपी समेत कई अधिकारी समय-समय पर छात्रों को पढ़ाने और मार्गदर्शन देने आते हैं. 2020 के डीएसपी टॉपर अजय गुप्ता भी इस मंच पर छात्रों को गाइड कर चुके हैं. जिला प्रशासन की मदद से यहां कंटेंट, टेस्ट सीरीज, स्मार्ट क्लास, सिटिंग अरेंजमेंट जैसी सुविधाएँ निशुल्क उपलब्ध कराई जा रही हैं.
10 जिलों तक पहुंच चुकी है यह सेवा
यह एनजीओ केवल सतना ही नहीं बल्कि श्योपुर, सीहोर, टीकमगढ़, पन्ना, ग्वालियर, जबलपुर, बालाघाट, सीधी और भोपाल जैसे जिलों में भी ज़िला प्रशासन के सहयोग से निःशुल्क सेवाएँ दे रहा है.
मध्यमवर्गीय परिवार से आने वाले छात्र चुन्नू प्रजापति ने बताया कि वो 70 किमी दूर गांव से केवल इस कोचिंग के लिए आते थे जिसमे बड़ा समय बर्बाद होता था जिससे वो अब सतना में रूम लेकर पढ़ाई कर रहे हैं. इंदिरा गांधी कन्या महाविद्यालय की बीए थर्ड ईयर की छात्रा भूमि यादव ने बताया कि वह पिछले डेढ़ साल से यहां पढ़ रही हैं और स्मार्ट क्लास, डाउट क्लीयर सेशन और नोट्स वितरण जैसी सुविधाओं से बेहद संतुष्ट हैं. वहीं इंग्लिश मीडियम की डिग्री कॉलेज की छात्रा दिशा अग्रवाल ने बताया कि यह कोचिंग दोनों हिंदी और इंग्लिश मीडियम के छात्रों के लिए उपयुक्त है.
हर बैच से 10 से ज्यादा छात्र निकाल रहे हैं UPSC प्री क्लियर
अब तक यहाँ से हर बैच में 10 से अधिक छात्र यूपीएससी प्री निकाल चुके हैं, जिससे इस कोचिंग की गुणवत्ता और समर्पण का अंदाजा लगाया जा सकता है. सतना में ऐसे प्रयास उन युवाओं के लिए एक नई राह खोल रहे हैं जिनके पास संसाधनों की कमी है लेकिन सपनों की उड़ान ऊँची है.