अपर ककेटो बांध के गेट खुलने के बाद शिवपुरी और ग्वालियर की सीमा पर स्थित ऐतिहासिक हरसी बांध पूरी तरह भर गया है। पानी बेस्ट वियर से ओवरफ्लो होकर बहना शुरू हो गया है। इससे निचले इलाकों में पानी फैलने का खतरा बढ़ गया है।
.
हरसी बांध के ओवरफ्लो के चलते पनानेर, कठौद, धोबट, खिरिया, बोढी, जखावार, गधोटा, सिल्हा, पलायछा, खेरा, नजरपुर, आदमपुर, आसन, भितरवार, घाटखेरिया, डऊमर, गेलेश्वर, सहारन, मसूदपुर, खरगोली, बासोडी जैसे गांवों में सतर्कता की स्थिति बन गई है। ग्रामीणों को पानी के बहाव से सतर्क रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की सलाह दी गई है।
एशिया का पहला मिट्टी और गारे से बना बांध हरसी बांध साल 1935 में तत्कालीन ग्वालियर रियासत के महाराज जीवाजीराव सिंधिया द्वारा बनवाया गया था। यह एशिया का पहला मिट्टी और गारे से निर्मित बांध माना जाता है। इसमें दरवाजे (गेट) नहीं हैं, इसलिए जब जलस्तर अधिकतम सीमा पर पहुंचता है, तो पानी बिना गेट के ही बेस्ट वियर से स्वतः बहने लगता है।
हरसी बांध का ओवरफ्लो देखना पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बनता है। लोग यहां झरने की तरह गिरते पानी के नीचे नहाने और प्राकृतिक दृश्य का आनंद लेने आते हैं। प्रशासन ने इस दौरान अधिक पास न जाने और सतर्कता बरतने की चेतावनी दी है।
हरसी बांध का निर्माण आज से 90 साल पहले 1935 में हुआ था।
जिले में अब तक 18.9 इंच बारिश जिले में 1 जून से 10 जुलाई तक अब तक 18.9 इंच (481.44 मिमी) औसत वर्षा दर्ज की गई है। यह पिछले साल की तुलना में करीब 1.69 गुना ज्यादा है। 2024 में इसी अवधि में केवल 11.2 इंच (284.4 मिमी) बारिश हुई थी।
- शिवपुरी- 18.3 इंच
- बैराड़ – 16.2 इंच
- पोहरी – 17.9 इंच
- नरवर – 26.0 इंच
- करैरा – 22.8 इंच
- पिछोर – 16.1 इंच
- कोलारस – 16.3 इंच
- बदरवास – 17.9 इंच
- खनियाधाना – 18.8 इंच
जिले की सामान्य औसत वर्षा 32.1 इंच (816.3 मिमी) मानी जाती है, जबकि पिछले साल कुल 50.8 इंच (1291.84 मिमी) बारिश दर्ज की गई थी। अब तक की बारिश को देखते हुए किसानों और प्रशासन दोनों को अच्छी फसल और जल संग्रहण की उम्मीद है।