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Most Poisonous Snake: जूलॉजी एक्सपर्ट डॉ अर्चना चौहान बताती हैं कि छतरपुर समेत पूरे बुंदेलखंड में 15 प्रकार के सांप पाए जाते हैं. इसमें पांच प्रजातियों के सांप कम जहरीले और सामान्य है, जबकि 10 तरह के सांप जहरीले हैं.
छतरपुर जिले में सबसे जहरीले सांपों में से एक है कोबरा. इसे स्थानीय लोग करिया सांप या काला नाग के नाम से जानते हैं. ये देखने में भयंकर काला होता है. इतना काला होता है कि ये चमकता है. यही इसकी पहचान होती है. इसको लेकर बुंदेली कहावत भी है कि “करिया को डसो पानी भी नहीं मांगत”. कोबरा के काटने के बाद अगर समय पर इलाज न मिल पाए तो मौत निश्चित मानी जाती है.

इसके बाद बात करते हैं काली नागिन की. जिसे स्थानीय भाषा में कारी नागिन भी कहा जाता है. ये भी जिले में ज्यादातर देखने को मिल जाती है. ये भी देखने में काले रंग की होती है. इसके काटने से भी मौत निश्चित है.

छतरपुर में धामन या धमना प्रजाति के सांप सबसे अधिक पाए जाते हैं. इन्हें घोड़ा पछाड़ के नाम से भी जाना जाता है. कहा जाता है कि इस सांप की पूछ में जहर होता है. इंसान के किसी भी अंग पर अगर यह लग जाए तो फिर वह सड़ने लगता है.

कॉमन करैत सांप सिर्फ रात के समय ही एक्टिव रहता है. यह इंसानी पसीने की गंध से उसके पास पहुंचकर हमला करता है. यह छतरपुर के जंगलों में पाए जाते हैं. इस प्रजाति के सांप काफी जहरीले होते हैं. ये लगातार 12 से अधिक लोगों को डसने की क्षमता रखते हैं.

अजगर की तरह दिखाई देने वाला रसेल वाइपर भी छतरपुर में बहुतायत में पाया जाता है. इसे एशिया का सबसे जहरीला सांप माना जाता है. अक्सर लोग इसे अजगर समझ कर लापरवाही कर बैठते हैं. जिसका खामियाजा जान देकर चुकाना पड़ता है.

छतरपुर में उड़ने वाला सांप भी पाया जाता है. स्नेक कैचर के द्वारा कई बार ऐसे सांपों का रेस्क्यू भी किया गया है, इसकी अधिकतम लंबाई 3 फीट बताई जाती है जो अक्सर शिकार करने या एक पेड़ से दूसरे पेड़ पर जाने के लिए छलांग लगाता है.

डाॅ आलोक चौरसिया के अनुसार, किसी काे सांप ने डस लिया है ताे उसे चलने-फिरने नहीं दें. मूवमेंट से रक्तचाप बढ़ता है और जहर शरीर में फैल जाता है. शरीर के जिस स्थान पर सांप ने काटा हाे वहां कपड़ा या क्रैप बैंडेज कसकर बांधे ताकि रक्त संचार की गति कम हाे जाए.

पीड़ित की धड़कन सामान्य रखने के लिए उसे तसल्ली दें कि विषहीन सांप ने काटा है, कुछ नहीं होगा. पास के जिला अस्पताल या सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाएं, जहां एंटी वेनम उपलब्ध हो. पीड़ित को किसी भी हाल में पैदल नहीं चलाएं.