अपनी मृत बच्ची को गोद में लेकर बैठी महिला।
गुना जिले के इमझरा गांव के कोल चक्क में बुधवार को एक डेढ़ साल की बच्ची की मौत हो गई। परिजनों का आरोप है कि बच्ची को सिर्फ सर्दी-जुकाम था, लेकिन स्थानीय बंगाली डॉक्टर द्वारा दिए गए इंजेक्शन के बाद उसकी हालत बिगड़ गई और उसकी मौत हो गई। परिजनों ने डॉक्ट
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रामवीर सहरिया, इमझरा के कोल चक्क में रहने वाले मजदूर हैं। उनकी डेढ़ वर्षीय बेटी महक बीते दो दिन से सर्दी-जुकाम से पीड़ित थी। बुधवार सुबह उसकी मां इलाज के लिए उसे बेहटाझिर स्थित बंगाली डॉक्टर अभिजीत विश्वासकर के क्लीनिक पर ले गईं।
परिजनों के मुताबिक, डॉक्टर ने इंजेक्शन लगाया, जिसके कुछ देर बाद बच्ची ने बोलना बंद कर दिया। उसकी हालत बिगड़ती चली गई। घबराए परिजन बच्ची को गुना जिला अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने बच्ची को मृत घोषित कर दिया।
महिला थाने में शिकायत करने पहुंची थी।
इलाज के दौरान ही तोड़ दी थी दम परिजनों ने बताया कि बच्ची अच्छी-भली थी। डॉक्टर के इंजेक्शन के बाद ही वह बोलना बंद कर दी थी और बेहोश हो गई थी। कुछ अन्य डॉक्टरों से दिखाने के बाद भी यही कहा गया कि बच्ची की मौत इलाज के दौरान ही हो गई थी।
डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप परिजनों ने आरोप लगाया कि डॉक्टर ने गलत इंजेक्शन दिया, जिसकी वजह से बच्ची की मौत हुई। उन्होंने यह भी बताया कि डॉक्टर गुना तक उनके साथ आया था, लेकिन जैसे ही उसे बच्ची की मौत की जानकारी लगी, वह भाग गया।
पुलिस से की शिकायत मृतक बच्ची की मां और परिजन कैंट थाने पहुंचे और डॉक्टर के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की। उनका कहना है कि लापरवाही के चलते उनकी बच्ची की जान गई है। फिलहाल पुलिस ने मामले में शिकायत ले ली है और जांच की जा रही है। बच्ची की पोस्टमार्टम रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।