बुरहानपुर के ये 5 शिव मंदिर बना सकते हैं आपकी किस्मत! श्रावण में जरूर करें दर्शन, महादवे बदल देंगे किस्मत

बुरहानपुर के ये 5 शिव मंदिर बना सकते हैं आपकी किस्मत! श्रावण में जरूर करें दर्शन, महादवे बदल देंगे किस्मत


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MP Top 5 Shiv Mandir: मध्यप्रदेश के बुरहानपुर जिले में श्रावण माह के दौरान भक्तों की भीड़ प्राचीन शिव मंदिरों में उमड़ पड़ती है. असीरगढ़ का शिव मंदिर, संगमेश्वर महादेव मंदिर, गुप्तेश्वर महादेव, नागझिरी घाट और त…और पढ़ें

हाइलाइट्स

  • असीरगढ़ में अश्वत्थामा के पूजन की मान्यता
  • शिवभक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती
  • बुरहानपुर के ये 5 शिव मंदिर बना सकते हैं आपकी किस्मत! श्रावण में जरूर करें दर्शन
बुरहानपुर. मध्य प्रदेश का बुरहानपुर जिला एक प्राचीन शहर यहां पर आज भी का कई प्राचीन मंदिर मौजूद हैं, जिनकी अपनी-अपनी कहानी है. श्रावण माह में यदि आप भी शिव मंदिर जाना चाहते हैं, तो यह जिले के सबसे प्राचीन पांच शिव मंदिर हैं. आईए हम आपको विस्तार से शिव मंदिरों के बारे में जानकारी बताते हैं. आप असीरगढ़ के शिव मंदिर पर भी दर्शन पूजन करने के लिए पहुंच सकते हैं. यहां की मान्यता है कि आज भी अश्वत्थामा शिवजी की पूजा-अर्चना करने के लिए आते हैं, तो वहीं मोहन संगम तट पर स्थित श्री संगमेश्वर महादेव मंदिर हैं. यह शिवजी की प्रतिमा काफी प्राचीन है. यहां पर भगवान स्वामीनारायण ने तपस्या की थी. इसलिए मंदिर की और भी महत्वता मानी जाती है, तो वहीं आप गुप्तेश्वर महादेव मंदिर पर भी श्रावण माह में पूजा अर्चना करने के लिए पहुंच सकते हैं. यह मंदिर भी काफी प्राचीन है, तो वहीं आप नागझिरी घाट पर भी प्राचीन शिव मंदिर पर दर्शन करने के लिए पहुंच सकते हैं. यहां पर भगवान श्री राम ने स्वयं शिवजी की प्रतिमा की स्थापना की है. साथ ही आप ताप्ती नदी के तट पर स्थित सबसे बड़े शिवलिंग की पूजा अर्चना करने के लिए भी पहुंच सकते हैं.

इतिहासकारों ने दी जानकारी 
लोकल 18 की टीम ने जब इतिहासकार डॉ वैद्य सुभाष माने से बात की तो उन्होंने बताया कि बुरहानपुर जिले में ऐसे कई प्राचीन शिव मंदिर है कि जिनकी अपनी-अपनी महत्वता है. श्रावण माह में आप इन सवालों में पहुंचकर भगवान शिव की आराधना पूजा अर्चना कर सकते हैं, जिसमें असीरगढ़ का शिव मंदिर काफी प्राचीन शिव मंदिर है. इस शिव मंदिर की अश्वत्थामा से कहानी जुड़ी हुई है. यहां पर आज भी अश्वत्थामा शिवजी की पूजा अर्चना करने के लिए आते हैं, तो भाई माना संगम पर स्थित संगमेश्वर महादेव मंदिर पर भी भगवान स्वामीनारायण ने खुद बैठकर तपस्या की थ. इसलिए इसकी भी महत्वता है, तो भाई गुप्तेश्वर महादेव मंदिर का इतिहास भी महाभारत काल से जुड़ा हुआ है. इसे के चलते ताप्ती नदी के तट पर स्थित प्राचीन सिद्धेश्वर गणेश मंदिर के पास भी निमाड़ क्षेत्र की सबसे बड़ी शिवलिंग ह. यहां पर भी आप पूजा करने के लिए आ सकते हैं.

श्रावण माह में भक्तों की शिवालयों में भीड़ लगती है. भक्त दूर-दूर से इस शिवालयों पर जल चढ़ाने के लिए आते हैं और भक्तों की मनोकामन भी पूरी होती है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digiatal), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked …और पढ़ें

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