बैरसिया नगर पालिका के वार्ड-7 से बीजेपी प्रत्याशी की जीत पर जश्न मनाते पार्टी पदाधिकारी-कार्यकर्ता।
भोपाल की बैरसिया नगर पालिका के वार्ड-7 में पार्षद के उप चुनाव में बीजेपी ने जीत दर्ज कराई है। शाइस्ता सुल्तान 137 वोटों से जीत गई हैं। इस चुनाव में दूसरे नंबर पर निर्दलीय और तीसरे पर कांग्रेस प्रत्याशी रहीं।
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वार्ड-7 में कुल 1481 मतदाता हैं। इनमें से चुनाव में कुल 961 ने वोट डाले। चुनाव में 3 प्रत्याशी- कांग्रेस की आफरीन मो. तारीक, बीजेपी की शाइस्ता सुल्तान और निर्दलीय फरीदा इदरीस अहमद मैदान में थे। इनमें से शाइस्ता को सबसे ज्यादा 451 वोट मिले। वहीं, निर्दलीय फरीदा को 314 और कांग्रेस की आफरीन को 196 वोट ही मिले। इस तरह शाइस्ता ने जीत हासिल की।
जीत के बाद विधायक भी पहुंचे वार्ड-7 के उप चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी की जीत के बाद विधायक विष्णु खत्री भी पहुंचे। रिटर्निंग अधिकारी और बैरसिया एसडीएम आशुतोष शर्मा से जीत का प्रमाण पत्र भी लिया।
फर्जी जाति सर्टिफिकेट के चलते गई थी शबाना की कुर्सी पिछले नगर पालिका चुनाव में वार्ड नंबर-7 से बीजेपी ने नगमा बी शानू अंसारी, कांग्रेस ने फरीदा इदरीश अहमद, एनसीपी ने शबाना शोएब, आम आदमी पार्टी ने फरजाना बी को पार्षद पद के लिए मैदान में उतारा था। वहीं, निर्दलीय परवीन बी भी मैदान में थीं। इसमें शबाना चुनाव जीती थीं।
इसके बाद पराजित प्रत्याशी परवीन की ओर से कलेक्टर कोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। इसमें बताया गया था कि चुनाव लड़ने के लिए शबाना ने तहसीलदार हुजूर के नाम का अन्य पिछड़ा वर्ग का फर्जी जाति प्रमाण पत्र निर्वाचन अधिकारी के सामने पेश कर पार्षद पद का चुनाव जीता है। इस मामले में टीटी नगर एसडीएम ने जांच की थी। इसके बाद शबाना का जाति प्रमाण पत्र फर्जी घोषित किया गया था।
इसी मामले में करीब चार महीने पहले कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने आदेश दिए थे। इसके मुताबिक, बैरसिया के लिए आरक्षित वार्डों की सूची में वार्ड-7 अन्य पिछड़ा वर्ग की महिलाओं के लिए आरक्षित वार्ड था। इस प्रकार स्पष्ट है कि अनावेदिका द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग महिलाओं के लिए आरक्षित इस वार्ड से पार्षद पद के चुनाव के लिए नाम निर्देशन पत्र जमा किया और उसके साथ एसडीएम हुजूर द्वारा जारी पिछड़ा वर्ग का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत किया गया, जो कि फर्जी पाया गया है।
इसके चलते शबाना को मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 (1) के तहत तत्काल प्रभाव से पार्षद पद से हटाया जाता है। मप्र नगर पालिका अधिनियम 1961 की धारा 41 (3) के तहत यह भी आदेश दिए हैं कि अनावेदिका आगामी छह वर्ष के लिए किसी भी नगर पालिका या नगर पंचायत में पार्षद पद के चुनाव के लिए पात्र नहीं होंगी।
पार्षद को हटाने के बाद हुए उप चुनाव एनसीपी से चुनाव जीती शबाना को पार्षद पद से हटाने के बाद यहां उप चुनाव हुए और अब बीजेपी ने सीट पर कब्जा कर लिया है।