भ्रष्टाचार की मिसाल! 40 दिन भी नहीं चली 40 लाख की सड़क

भ्रष्टाचार की मिसाल! 40 दिन भी नहीं चली 40 लाख की सड़क


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Jabalpur News: पिछले महीने की 7 तारीख को इस सड़क का भूमि पूजन किया गया था. भूमि पूजन होते ही फौरन निर्माण कार्य शुरू हुआ और दो से तीन दिन में सड़क बनकर भी तैयार हो गई.

सड़क की लागत 40 लाख रुपये आई थी.

रिपोर्ट- पवन पटेल, जबलपुर. मध्य प्रदेश के जबलपुर में 40 लाख रुपये खर्च करके 700 मीटर सड़क का निर्माण कराया गया. बारिश हुई और सड़क ने चंद दिनों में ही गिट्टी छोड़ दी. जगह-जगह गड्ढे हो गए और 40 लाख रुपये की सड़क 40 दिन भी नहीं टिक पाई. यहां तक कि सड़क निर्माण के भूमि पूजन वाले बैनर सड़क से ज्यादा मजबूत निकले. सड़क किनारे पोल पर लगे बैनर पूरी तरह सही सलामत हैं और सड़क को चिढ़ा रहे हैं. आइए आपको भी बताते हैं, क्या है पूरा मामला.

जबलपुर की यह सड़क भ्रष्टाचार की ताजा और जिंदा तस्वीर है. यह घमापुर से लकड़गंज की तरफ जाने वाली सड़क है. दरअसल 7 जून को इस सड़क का भूमि पूजन किया गया. भूमि पूजन होते ही तत्काल निर्माण कार्य शुरू हुआ और दो से तीन दिन में सड़क बनकर तैयार हो गई. डामरीकरण का काम इतनी तेजी से हुआ कि लोगों को विश्वास ही नहीं हुआ. महर्षि अरविंद वार्ड और मदन मोहन मालवीय वार्ड को जोड़ने वाली यह सड़क करीब 13 साल बाद बनाई गई थी, जिसे बनाने में 40 लाख रुपये खर्च किए गए लेकिन महज 700 मीटर की सड़क के डामरीकरण में 40 लाख रुपये की लागत और फिर चंद दिनों में सड़क उखाड़ जाना यह किसी के गले नहीं उतर रहा है.

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ईई ने मानी ठेकेदार की लापरवाही
जब स्थानीय लोगों से सड़क निर्माण और फिर इस दुर्दशा पर सवाल किया, तो उन्होंने भी इसे भ्रष्टाचार करार दिया. सड़क निर्माण में हुई इस गड़बड़ी को लेकर जब नगर निगम के नेताओं और अधिकारियों से बात करने का प्रयास किया गया, तो सभी ने किनारा करने की कोशिश की लेकिन लोक निर्माण विभाग के ईई शैलेंद्र मिश्रा से न्यूज 18 ने सवाल पूछ ही लिया. जब उनसे पूछा गया कि आखिर सड़क इतनी जल्दी खराब क्यों हो गई, तो उन्होंने ठेकेदार की लापरवाही बताई और जल्द ही ठेकेदार को नोटिस देकर पुनर्निर्माण करवाने की बात कही.

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