मोहन कैबिनेट के दो बड़े फैसले: 15 साल बाद 49 हजार 263 नए पद मंजूर, नई भर्ती के अलावा बाकी नियमित पद प्रमोशन से भरे जाएंगे – Bhopal News

मोहन कैबिनेट के दो बड़े फैसले:  15 साल बाद 49 हजार 263 नए पद मंजूर, नई भर्ती के अलावा बाकी नियमित पद प्रमोशन से भरे जाएंगे – Bhopal News



रोजगार… तीन बिजली कंपनियों में 3 साल में होंगी 30 हजार नई भर्तियां

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प्रदेश की तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में जल्द ही बड़े पैमाने पर नई भर्तियां होने जा रही हैं। राज्य सरकार ने कुल 49 हजार 263 नए पदों को मंजूरी दी है। साथ ही 17 हजार 620 अनुपयोगी पदों को समाप्त करने और 5 हजार 650 पदों को डाइंग कैडर घोषित करने का निर्णय लिया गया है। यानी इन पदों पर वर्तमान में कार्यरत कर्मचारी रिटायर होने के बाद ये पद स्वतः समाप्त मान लिए जाएंगे।

इनमें से 30 हजार पदों पर नई भर्ती की जाएगी, जबकि शेष पदों पर प्रमोशन प्रस्तावित हैं। नई भर्तियों की प्रक्रिया तीन साल में पूरी करने की योजना है, यानी हर साल लगभग 10,000 पदों पर भर्ती की जाएगी। यह फैसला बुधवार को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल बैठक में लिया गया।

कैबिनेट ने नए पदों के सृजन और पुराने अनुपयोगी पदों के हटाने के बाद तीनों कंपनियों में कुल 77 हजार 298 पदों को मंजूरी दी है। फिलहाल बिजली कंपनियां बड़े पैमाने पर संविदा और आउटसोर्स कर्मचारियों के भरोसे चल रही हैं। डिप्टी सीएम राजेंद्र शुक्ल ने कहा कि नियमित पदों पर नई भर्तियों के बाद इन संविदा और आउटसोर्स पदों को समाप्त किया जाएगा।

संविदा-आउटसोर्स कर्मियों को प्राथमिकता

ये भर्तियां कब से होंगी? पहले ऊर्जा विभाग ने इन नई भर्तियों को पांच साल में करने का टारगेट रखा था, लेकिन इसे अब 3 साल में किया जाएगा। इसकी शुरुआत 2025-26 से ही होगी। खासतौर पर लाइन स्टॉफ और टेस्टिंग असिस्टेंट पद पर ज्यादा लोग आएंगे। अभी बिजली कंपनियों में काम कर रहे 49 हजार संविदा कर्मी व आउटसोर्स के लोगों का क्या होगा? शिक्षा विभाग में जिस तरह ​शिक्षा कर्मी या गुरुजी की भर्ती में उन्हें प्राथमिकता मिलती है, ठीक उसी तरह बिजली कंपनियों में बरसों से काम कर रहे अच्छे लोगों को आयु सीमा में विशेष छूट दी जाएगी। साथ ही 20 अंक बोनस के भी दिए जाएंगे। जल्द ही नई भर्ती की नीति बनाई जाएगी। जिसमें ये प्रावधान होंगे ताकि पुराने लोगों को प्राथमिकता मिल सके। किस क्षेत्र के लोगों को ज्यादा मौका मिल सकता है? खासतौर पर आईटीआई और पॉलिटेक्निक की पढ़ाई वाले छात्र-छात्राओं के लिए नए मौके खुलेंगे। इसके अलावा, इलेक्ट्रिकल में इंजीनियर करने वाले विद्यार्थियों को भी फायदा होगा। प्रशासनिक पदों पर बाकी संकाय के लोग आएंगे।

अब प्रदेश में 1.77 करोड़ बिजली उपभोक्ता… पिछली बार पद स्वीकृति 2011 में दी गई थी, जब प्रदेश में 91 लाख बिजली उपभोक्ता थे। लेकिन अब यह संख्या बढ़कर 1.77 करोड़ हो चुकी है। इसके साथ ही विद्युत इंफ्रास्ट्रक्चर भी काफी बढ़ा है। मप्र के इतिहास में यह पहली बार है जब किसी विभाग में नियमित पदों को दोगुना से अधिक बढ़ाया गया हो। वर्तमान में तीनों विद्युत वितरण कंपनियों में अधिकारी-कर्मचारियों के कुल स्वीकृत पद 27 हजार हैं, इसके ऐवज में 23 हजार ही कार्यरत हैं।

राहत…नहर सिंचाई वाले किसानों की 84 करोड़ की जलकर पेनाल्टी माफ

राज्य सरकार ने नहरों से सिंचाई करने वाले किसानों को बड़ी राहत दी है। समय पर जलकर नहीं चुकाने पर लगी पेनाल्टी और ब्याज की 84.17 करोड़ रुपए की राशि माफ करने का फैसला किया गया है। यह छूट उन किसानों को मिलेगी, जो 31 मार्च 2026 तक अपनी पूरी बकाया जलकर राशि एकमुश्त जमा कर देंगे। ऐसे किसानों से सिंचाई जलकर पर ब्याज और पेनाल्टी नहीं ली जाएगी। यह निर्णय जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट के प्रस्ताव पर लिया गया।

प्रदेश में 31 मार्च 2025 की स्थिति में किसानों पर कुल 647.67 करोड़ रुपए का जलकर बकाया है। इसमें 563.29 करोड़ रुपए मूल राशि और 84.17 करोड़ रुपए पेनाल्टी व ब्याज की राशि है। किसानों को यह राशि जल संसाधन विभाग को जमा करनी होगी। सरकार को सिंचाई जलकर से वर्ष 2022-23 में 45.58 करोड़, 2023-24 में 36.98 करोड़ और 2024-25 में 35.43 करोड़ रुपए की आमदनी हुई है। छोटे से बड़े सभी किसान इस योजना के दायरे में शामिल किए गए हैं।

शर्त- एकमुश्त जमा करना होगा बकाया जलकर

छूट के इस फैसले से कौन से किसान लाभान्वित होंगे? वे सभी किसान इस योजना का लाभ ले सकेंगे जो जल संसाधन विभाग की नहरों से सिंचाई के लिए पानी लेते हैं। इनकी संख्या लगभग 35 लाख है। लाभ लेने के लिए किसानों को 31 मार्च 2026 से पहले अपनी संपूर्ण बकाया राशि एकमुश्त जमा करनी होगी। माफ की गई राशि का औसत प्रति किसान कितना देना होगा? हर किसान पर बकाया राशि के अनुसार ब्याज और पेनाल्टी करीब 13% होती है। यही हिस्सा माफ किया जाएगा। 31 मार्च 2025 की स्थिति में किसानों पर कुल 647.67 करोड़ रुपए का जलकर बकाया है, जिसमें 563.29 करोड़ रुपए मूल राशि और 84.17 करोड़ रुपए ब्याज व पेनाल्टी हैं। पेनाल्टी माफ करने के फैसले से सरकार को कितना घाटा होगा? सरकार को इससे कोई नुकसान नहीं होगा। उल्टा फायदा होगा, क्योंकि इस छूट के तहत किसान मूल राशि एकमुश्त जमा करेंगे। इससे राजस्व की वसूली बढ़ेगी। ध्यान रहे, छूट का लाभ सिर्फ एकमुश्त भुगतान करने पर मिलेगा, किस्तों में नहीं। जो किसान हर साल 31 मार्च तक या फिर जून तक के तीन महीने के ग्रेस पीरियड में भी जलकर नहीं भरते, उन्हीं पर ब्याज और पेनाल्टी लगती है।

प्रदेश के 35 लाख किसानों को होगा फायदा… जल संसाधन विभाग के ईएनसी विनोद देवड़ा के मुताबिक हर साल मार्च तक किसानों को अपना जलकर जमा करना होता है। मार्च से जून तक किसानों को तीन माह का ग्रेस पीरियड दिया जाता है, जिसमें कोई पेनाल्टी नहीं लगती। इसके बाद जलकर बकाया पर 13 फीसदी ब्याज लगता है। इस छूट से प्रदेश के लगभग 35 लाख किसानों को सीधा फायदा होगा।



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