मंत्रालय में स्टेट लेवल बैकर्स कमेटी की बैठक में योजनाओं पर एक्शन की जानकारी लेते मुख्य सचिव अनुराग जैन।
तीन माह पहले नगरीय विकास और आवास विभाग के अपर मुख्य सचिव ने जिस पीएम स्वनिधि योजना के काम को लेकर बैंकर्स की पीठ ठोंकी थी, उसी योजना में केस पेंडिंग रहने पर मुख्य सचिव अनुराग जैन ने आज बैंकर्स को जमकर फटकार लगाई। नाराज सीएस जैन ने स्टेट लेवल बैंकर्स
.
मुख्य सचिव जैन ने मंत्रालय में हुई एसएलबीसी मीटिंग में राज्य सरकार और केंद्र सरकार की अलग-अलग योजनाओं के परफार्मेंस का रिव्यू किया। जिन योजनाओं के परफार्मेंस रिव्यू पर सीएस ने जानकारी ली, उसमें प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना, प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना, प्रधानमंत्री जन-धन योजना, अटल पेंशन योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, पीएम स्वनिधि, पीएम विश्वकर्मा स्कीम के अलावा कृषि, उद्यानिकी, पशुपालन, मत्स्य पालन की योजनाओं और अन्य विषयों पर चर्चा किया जाना शामिल है। बैठक में वित्तीय वर्ष 2024-25 के बैंक बिजनेस, क्रेडिट प्लान, प्रदेश में नए बैंक शाखाओं की अपडेट स्थिति के बारे में भी बैंकर्स ने जानकारी दी। इस 194 वीं राज्य स्तरीय बैंकर्स कमेटी की बैठक में 192 एवं 193 वीं बैठक में दिए गए निर्देशों पर अमल की रिपोर्ट भी बताई गई है।
इस पर नाराज हुए सीएस जैन
- मुख्य सचिव अनुराग जैन ने पीएम स्वनिधि योजना के 19196 प्रकरणों के लंबित रहने पर नाराजगी जताई। संबंधित बैंक प्रबंधकों को नोटिस देने के निर्देश दिये। लंबित प्रकरणों का निराकरण 15 दिन में करने के लिए निर्देशित किया।
- स्वामित्व योजना का लाभ हितग्राहियों को देने के निर्देश दिये गये। इसमें भी पेंडेंसी कम करने के लिए कहा गया।
- अलग-अलग योजनाओं में इश्योरेंस क्लेम की जानकारी देने वित्तीय जागरूकता अभियान चलाने के लिए वित्त विभाग को निर्देशित किया गया।
अप्रैल में इस पर जताई थी नाराजगी
मुख्य सचिव ने अप्रैल में हुई कमेटी की 192 एवं 193 वीं मीटिंग के दौरान राज्य सरकार द्वारा प्रायोजित रोज़गार योजनाओं मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना, संत रविदास योजना, भगवान बिरसा मुंडा योजना और डॉ. भीमराव अंबेडकर योजना के अच्छे प्रदर्शन की सराहना की थी। साथ ही टंट्या मामा आर्थिक कल्याण योजना, पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक योजना और विमुक्त घुमंतु अर्ध घुमंतु योजना के खराब प्रदर्शन पर चिंता जताई थी।
उन्होंने बैंकों को सीधे बाज़ार से अच्छे आवेदकों का चयन करने और यदि वे उपयुक्त हों तो मुद्रा ऋण लाभार्थियों को भी इन योजनाओं के अंतर्गत शामिल करने का सुझाव दिया था। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा प्रायोजित सभी प्रकार की रोज़गार सृजन योजनाओं के लिए एक समान आवेदन पत्र तैयार करने की सलाह दी गई थी।इसी बैठक में नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के अपर मुख्य सचिव ने पीएम स्वनिधि योजना के अंतर्गत बैंकों द्वारा किए गए अच्छे कार्यों की सराहना की थी और कहा था कि सभी लंबित स्वीकृत मामलों का 1 महीने के भीतर भुगतान किया जाए क्योंकि वर्तमान योजना केवल 31 दिसम्बर 2024 तक ही वैध है।