Last Updated:
दिल्ली में पुराने वाहनों पर फ्यूल बैन से सेकंड-हैंड कारों की कीमतें 50% तक गिर गई हैं. CTI के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि EOF प्रतिबंध से 60 लाख वाहन प्रभावित होंगे. नवंबर 2025 से लागू होगा.
हाइलाइट्स
- पुराने वाहनों पर फ्यूल बैन से सेकंड-हैंड कारों की कीमतें 50% तक गिरीं.
- EOF प्रतिबंध से 60 लाख वाहन प्रभावित होंगे, नवंबर 2025 से लागू होगा.
- बैन की वजह से पुरानी कारों की कीमतें 40% से 50% तक गिर गई हैं.
रिसेल वैल्यू घटी
दिल्ली एनसीआर में डीजल वाहनों की उम्र 10 साल और पेट्रोल वाहनों की उम्र 15 साल तक सीमित होने के कारण, कार बेचने वाले व्यक्ति के लिए रिसेल वैल्यू लगभग नहीं के बराबर है, और दूसरी ओर, कार डीलरों को उन्हें कम कीमतों पर बेचने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है. चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) ने खुलासा किया है कि सेकंड-हैंड कार बाजार में अफरा-तफरी मची हुई है क्योंकि लगभग 60 लाख वाहन एंड-ऑफ-लाइफ (EOF) बैन से प्रभावित हो रहे हैं, जो 1 नवंबर, 2025 से लागू होगा.
कुछ लोग कह सकते हैं कि यह सेकंड-हैंड कार खरीदने का सबसे अच्छा समय हो सकता है, और यह सच है. पीटीआई से बात करते हुए, चैम्बर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (CTI) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने बताया कि वाहनों पर EOF प्रतिबंध के कारण सेकंड-हैंड कारों की कीमतें पहले कभी नहीं देखी गई दरों पर गिर रही हैं. उन्होंने कहा कि जब से पुराने वाहनों के खिलाफ अभियान शुरू हुआ है, सेकंड-हैंड कारों की कीमतें 40% से 50% तक गिर गई हैं. दिल्ली के निवासियों के लिए यह टेंपररी रिलीफ हो सकता है, लेकिन नवंबर आते ही उन्हें फिर से चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा.
एक चौथाई रह गई कीमत
गोयल ने कहा, “दिल्ली के व्यापारी अब वाहनों को उनकी एक-चौथाई कीमत पर बेचने के लिए मजबूर हैं. जो लग्जरी सेकंड-हैंड कारें पहले 6 लाख से 7 लाख रुपये में बिकती थीं, वे अब मुश्किल से 4 लाख से 5 लाख रुपये में बिक रही हैं. अन्य राज्यों के खरीदार उसी के अनुसार बारगेन कर रहे हैं. कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने पुष्टि की है कि EOF बैन 1 नवंबर से फिर से लागू हो रहा है, यह आपके पुराने वाहन को बेचने और सेकंड-हैंड कार बाजार में वैल्यू फॉर मनी देखने का अच्छा समय हो सकता है.