Ujjain News: गुरु पूर्णिमा पर सांदीपनि आश्रम में निभाई गई 5 हजार साल पुरानी परंपरा, बच्चों का कराया विद्यारंभ संस्कार, जानिए मान्यता

Ujjain News: गुरु पूर्णिमा पर सांदीपनि आश्रम में निभाई गई 5 हजार साल पुरानी परंपरा, बच्चों का कराया विद्यारंभ संस्कार, जानिए मान्यता


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Ujjain News: आश्रम में गुरु पूर्णिमा के दिन जो छोटे बच्चे स्कूल जाते हैं, उनकी इस दिन पाटी पूजन की जाती है और भगवान कृष्ण ने जो तीन मंत्र लिखे थे, वे इन बच्चों से लिखाए जाते हैं.

हाइलाइट्स

  • सांदीपनि आश्रम में गुरु पूर्णिमा पर सुबह से भक्तों की भीड़.
  • यहीं पर भगवान श्रीकृष्ण ने 64 दिन में 64 कलाएं सीखी थीं.
  • विधि-विधान से पूजन करने के पश्चात महाआरती की गई.
उज्जैन. धार्मिक नगरी उज्जैन विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के नाम से जाना जाता है. यहां कई धार्मिक स्थल हैं जो इस शहर को बाकी शहरों से बेहद खास बनाते हैं. इन्हीं मंदिरों में से एक श्री कृष्ण का एक मंदिर मंगलनाथ रोड पर स्थित है. जिसका नाम सांदीपनि आश्रम है. यहां भगवान श्री कृष्ण ने अपनी शिक्षा प्राप्त की थी. यहां गुरुपूर्णिमा के पावन पर्व पर सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा.

मंदिर के पुजारी ने गंगा, गोमती और प्रयागराज के जल से भगवान श्रीकृष्ण व सांदीपनि मुनि का अभिषेक किया. उसके बाद भगवान को नए वस्त्र पहनाकर मोगरे के फूलों से श्रृंगार किया गया. कई अभिभावक अपने छोटे बच्चों के साथ विद्या आरंभ संस्कार के लिए मंदिर पहुंचे. सांदीपनि वंशज पुजारी पंडित राहुल व्यास ने बताया कि आश्रम में पांच हजार वर्षों से गुरु-शिष्य परंपरा चल रही है.

पाटी पूजन संस्कार किया गया
यहां भगवान का विधि-विधान से पूजन करने के पश्चात महाआरती की गई. इसके बाद वहां मौजूद भक्तों के बीच प्रसाद का वितरण किया गया. आश्रम में गुरु पूर्णिमा के दिन जो छोटे बच्चे स्कूल जाते हैं, उनकी इस दिन पाटी पूजन की जाती है और भगवान कृष्ण ने जो तीन मंत्र लिखे थे, वे इन बच्चों से लिखाए जाते हैं. इसे विद्या बुद्धि संस्कार भी कहा जाता है. पाटी पूजन 16 संस्कारों में से एक है. इसमें गुरु के समक्ष पाटी रखकर बच्चों से पाटी का पूजन कराया जाता है. गुरु पूर्णिमा पर्व पर भगवान श्री कृष्ण, बलराम और सुदामा की प्रतिमा का अभिषेक पूजन कर बच्चों को संस्कार की शिक्षा दी जाती है.

श्री कृष्ण ने 64 दिनों में 64 कलाएं सीखी
मंदिर के पुजारी रूपम व्यास ने बताया कि भगवान श्री कृष्ण ने 64 दिनों में 14 विद्याएं और 64 कलाएं सीखी थीं. भगवान ने 4 दिन में चार वेद, 6 दिन में 6 शास्त्र, 16 दिन में 16 कलाएं और 18 दिन में 18 पुराण सहित उपनिषद, छंद और अलंकार आदि का ज्ञान प्राप्त किया था. यहां पर भगवान श्री कृष्ण की बैठी हुई प्रतिमा के दर्शन होते हैं.

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सांदीपनि आश्रम में निभाई गई हज़ारों साल पुरानी परांपरा, कराया गया विद्यारंभ संस



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