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Banana Plantation Tips: केले की खेती के दौरान कई सारे रोग फसल को बर्बाद कर देते हैं लेकिन अगर आप सही तरीके से खेती करते हैं तो इन नुकसानों से बचा जा सकता है.
हाइलाइट्स
- केले की खेती में शाम के वक्त सिंचाई करने से बचें.
- खेत की मिट्टी में नमी बनाए रखना जरूरी है.
- सही उर्वरक का इस्तेमाल भी जरूरी है.
मोहन ढाकले/बुरहानपुर. अगर आप भी मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले के किसान हैं और आप केले की फसल लगा रहे हैं तो आज हम आपको कृषि अधिकारी के अनुसार सिंचाई के बारे में जानकारी बताने जा रहे हैं. जिससे आपका उत्पादन भी अच्छा होगा और आपकी जो खेत की मिट्टी है उसमें नमी भी बनी रहेगी. जिससे आपकी फसल अच्छी होगी. कृषि अधिकारी मनोहर सिंह देवके का कहना है कि यदि आपने भी अपने खेत में केला लगाया हुआ है तो आप शाम के समय में सिंचाई करें जिसके कारण आपकी जो खेत की मिट्टी है उसमें नमी बनी रहेगी और आपका उत्पादन भी अच्छा होगा. जिससे उत्पादन अच्छा होने पर आपका अच्छा मुनाफा भी होगा. अगर आप सुबह या दोपहर के समय में सिंचाई करते हैं तो उसे आपकी फसलों को नुकसान भी हो सकता है क्योंकि पौधे को नमी नहीं मिलेगी और नमी नहीं होगी तो उसका उत्पादन और वृद्धि नहीं होगी जिससे आपको नुकसान भी हो सकता है इसलिए आप इस बात का ध्यान रखें.
लोकल 18 की टीम ने जब कृषि अधिकारी मनोहर सिंह देवके से बात की तो उन्होंने बताया कि केले की फसल के लिए जलवायु और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की जरूरत होती है. स्वास्थ्य और रोग मुक्त बीजों का चयन करें, केले के पौधे को नर्सरी में तैयार करना और फिर उन्हें खेत में लगाना एक अच्छा तरीका है. पौधों को उचित दूरी पर लगाए आमतौर पर डेढ़ से 2 मीटर की दूरी तय करें. नियमित सिंचाई और खाद का इस्तेमाल करके पौधों की वृद्धि को बढ़ाया जा सकता है. कीटों और रोगों की निगरानी करें और आवश्यक नियंत्रण उपाय का उपयोग करें.
कृषि अधिकारी मनोहर सिंह देवके का कहना है कि केले की फसल को नुकसान पहुंचाने में कीटों की अहम भूमिका रहती है. जैसे केले का घून, केले का माइंट, केले का एफिड, केले का पनामा रोग, केले का सिंगोट का रोग, केले का ब्लैक सिंगोट का रोग, केले को यह चार चीज सबसे अधिक नुकसान पहुंचाती हैं अत्यधिक वर्षा, सूखा, ज्यादा तापमान और तूफान…अगर आप इन चार समस्याओं से अपनी फसलों को बचाना चाहते हैं तो आप अपनी फसलों की मेड़ पर पेड़ पौधे भी लगा सकते हैं.