भाजपा कार्यालय के बाहर लगे नेताओं के पोस्टर, लिखा है कौन है ये ?
जबलपुर से 40 किमी दूर स्थित सिहोरा कस्बे को जिला बनाने की मांग एक बार फिर उठी है। सिहोरा के लोग सड़क पर उतर आए हैं। उन्होंने भाजपा संभागीय कार्यालय जबलपुर के बाहर पोस्टर लगाए हैं। जिनमें लिखा है कि शिवराज सिंह चौहान, स्मृति ईरानी, संतोष बरकड़े और उमा भ
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दरअसल इन नेताओं ने कहा था कि सिहोरा को जल्द जिला बनाया जाएगा पर अब तक ऐसा नहीं हुआ है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार को जगाने के लिए शंख, घंटा और मंजीरे बजाए। प्रदर्शन को देखते हुए कार्यालय के बाहर पुलिस बल तैनात किया गया है।
शुक्रवार को बड़ी संख्या में सिहोरा से लोग पहुंचे भाजपा कार्यालय।
भाजपा कार्यालय के बाहर बजे शंख-घंटा
भाजपा संभागीय कार्यालय पहुंचे सिहोरा के लोगों ने करीब दो घंटे प्रदर्शन किया। उन्होंने शंख, घंटा और मंजीरे बजाए। वे कहते हैं कि सरकार को जगाने के लिए यह प्रदर्शन कर रहे हैं। मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारियों ने इस मांग को सरकार तक पहुंचाने का आश्वासन दिया, तब लोग मौके से हटे।

कार्यालय के बाहर शंख, घंटा बजाकर किया विरोध प्रदर्शन।
वादा करके भूल गए भारती, चौहान, ईरानी
सिहोरा के अनिल जैन ने बताया कि पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह के बाद उमा भारती, स्मृति ईरानी, बाबूलाल गौर, शिवराज सिंह चौहान, प्रहलाद पटेल, सांसद आशीष दुबे और विधायक संतोष बरकड़े ने भी कहा था कि सिहोरा को जल्द जिला बनाया जाएगा, पर आज तक कुछ नहीं हुआ। भाजपा नेताओं को अपने वादे याद दिलाने के लिए आज कार्यालय के बाहर शंख और घंटा बजाकर प्रदर्शन किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा प्रत्याशी संतोष बरकड़े का प्रचार करने आईं स्मृति ईरानी ने वादा किया था कि भाजपा प्रत्याशी जीतता है तो सिहोरा जिला बनेगा। अब बरकड़े को विधायक बने दो साल हो गईं, पर जिला बनाने की प्रक्रिया शुरू नहीं हुई।
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने चेतावनी दी कि किसी भी कीमत पर सिहोरा को जिला बनवाकर ही दम लेंगे। जबलपुर आने से पहले सिहोरा विधायक व स्थानीय नेताओं को चेताया था कि हमें भाजपा संभागीय कार्यालय जाने के लिए मजबूर न करें, पर जब हमारी बातें नहीं सुनी गईं तो हम यहां तक पहुंचे।

प्रदर्शन को देखते हुए कार्यालय के बाहर तैनात रही पुलिस।
2003 में बन जाता जिला
सिहोरा के अनिल जैन ने बताया कि साल 2001 में तत्कालीन मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने सिहोरा काे जिला बनाने का वादा किया था। प्रक्रिया शुरू हुई और 2003 में अंतिम अधिसूचना जारी होने के ठीक पहले विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता प्रभावी हो गई। फिर भाजपा की सरकार बन गई और फिर किसी ने सुध भी नहीं ली।
कृष्ण कुमार कुरारिया कहते हैं कि भाजपा सरकार 20 साल से सिहोरा को जिला नहीं बना रही है। जबकि विधानसभा और लोकसभा चुनाव के पहले भाजपा के वरिष्ठ नेताओं ने जिला बनाने का बार-बार वादा किया। चुनाव जीतते ही सारे वादे लॉलीपॉप साबित हुए।

प्रदर्शनकारियों ने नेताओं के वादे याद दिलाए।
भाजपा कार्यालय में लगे पोस्टरों में लिखा-
- 10 नवंबर 2023 को शिवराज सिंह चौहान से ‘लक्ष्य जिला सिहोरा आंदोलन समिति’ ने फोन पर बात की थी, तब उन्होंने कहा था कि आप भाजपा को जिताएं, हमसे चूक हुई है, चुनाव जीतते ही सिहोरा जिला बनाने की दिशा में काम करेंगे, ये हमारा आपसे कमिटमेंट है।
- 15 नवंबर 2023 को भाजपा की स्टार प्रचारक पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी चुनावी सभा को संबोधित करने आईं। उन्होंने भी कहा कि सिहोरा में केवल एक मुद्दा है, जिला बनाने का, आप 17 तारीख को पोलिंग बूथ पर जाकर कमल का बटन दबाएं, संतोष जी चुनाव जीतेंगे तो सिहोरा जिला के लिए सरकार के पास जाएंगे।
- 8 नवंबर 2023 को बाबा ताल मंदिर प्रांगण में विधायक संतोष बरकड़े ने कहा था कि प्रत्येक व्यक्ति सिहोरा को जिला बनाना चाहता है। यदि जनता ने मुझे अपना आशीर्वाद दिया तो मैं सिहोरा को जिला बनवाउंगा।
- साल 2001 में सिहोरा को जिला बनाने का वादा दिग्विजय सिंह ने किया था और पूरी कार्यवाही भी हो चुकी थी, लेकिन 2003 में चुनावी आचार संहिता लगने के कारण अंतिम अधिसूचना जारी नहीं हो पाई और सिहोरा जिला बनते-बनते रह गया।