21 साल में ही लगी सरकारी नौकरी, ₹1 लाख महीना सैलरी! MIT छात्र आशीष ने किया कमाल

21 साल में ही लगी सरकारी नौकरी, ₹1 लाख महीना सैलरी! MIT छात्र आशीष ने किया कमाल


मुजफ्फरपुर: बिहार के मुजफ्फरपुर स्थित प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग कॉलेज एमआईटी (मुजफ्फरपुर इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) के एक छात्र ने अपने दम पर ऐसी सफलता पाई है, जो न सिर्फ उनके कॉलेज, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है. मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट के छात्र आशीष राज का चयन न्यूक्लियर पावर कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (NPCIL) में एक्जीक्यूटिव ट्रेनी के पद पर हुआ है.

पटना के रहने वाले आशीष एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं. उनके पिता एक निजी कंपनी में कैशियर हैं और आशीष तीन भाई-बहनों में इकलौते बेटे हैं. परिवार में किसी की यह पहली सरकारी नौकरी है, इसलिए सभी बेहद खुश हैं.

कठिन परीक्षा और इंटरव्यू के बाद मिली सफलता
NPCIL में चयन के लिए आशीष ने सबसे पहले GATE परीक्षा (ग्रेजुएट एप्टीट्यूड टेस्ट इन इंजीनियरिंग) दी. 100 अंकों की इस परीक्षा में आशीष ने 72.67 अंक हासिल किए, जो शानदार प्रदर्शन था. इसके बाद उन्हें इंटरव्यू के लिए मुंबई बुलाया गया. इसके बाद फाइनल रिजल्ट में आशीष का नाम चयनित उम्मीदवारों में शामिल था.

ट्रेनिंग के दौरान ₹74,000 प्रति माह स्टाइपेंड
चयन के बाद अब आशीष की एक साल की ट्रेनिंग गुजरात में होगी, जिसमें उन्हें ₹74,000 मासिक स्टाइपेंड मिलेगा. ट्रेनिंग के बाद उन्हें वैज्ञानिक अधिकारी-सी पद पर पे लेवल-10 के तहत नियुक्त किया जाएगा, जिसमें उन्हें करीब ₹1 लाख मासिक वेतन मिलने की संभावना है.

मेहनत और अनुशासन से मिली सफलता
आशीष की इस सफलता का श्रेय उनकी कड़ी मेहनत, समय का सही उपयोग और तकनीकी विषयों की गहरी समझ को दिया जा रहा है. आशीष ने भी साफ कहा कि, “मेरी सफलता का असली श्रेय मेरे शिक्षकों, कॉलेज और परिवार को जाता है. एमआईटी का पढ़ाई का माहौल और शिक्षकों का मार्गदर्शन मेरे लिए बहुत मददगार रहा.”

प्लेसमेंट अधिकारी ने दी बधाई
संस्थान के ट्रेनिंग एंड प्लेसमेंट ऑफिसर दीपक कुमार चौधरी ने कहा, “NPCIL जैसी प्रतिष्ठित संस्था में चयन होना हमारे लिए गौरव की बात है. आशीष पढ़ाई में हमेशा गंभीर रहते थे और तकनीकी विषयों में उनकी पकड़ शानदार थी.”

युवाओं के लिए प्रेरणा
आशीष की यह सफलता उन सभी छात्रों के लिए प्रेरणा है जो कड़ी मेहनत से अपने भविष्य को संवारना चाहते हैं. आशीष का मानना है कि “अगर इरादे मजबूत हों और मेहनत लगातार जारी रहे, तो सफलता जरूर मिलती है.”



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