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बीसीसीआई ने बीजीटी के बाद एक यात्रा नीति तैयार की थी. कोच गौतम गंभीर ने इसका समर्थन किया है. उनका कहना है कि मैं परिवार को साथ रखने के खिलाफन हीं हूं लेकिन देश के लिए ड्यूटी सबसे ज्यादा जरूरी है.
गौतम गंभीर ने बीसीसीआई के फैसले का सम्मान किया.
गंभीर ने ‘सोनी स्पोर्ट्स नेटवर्क’ पर चेतेश्वर पुजारा से कहा, ‘‘ परिवार की भूमिका महत्वपूर्ण है लेकिन आपको एक बात समझनी होगी. आप यहां एक उद्देश्य के लिए आए हैं. यह कोई छुट्टी नहीं है. आप एक बहुत बड़े उद्देश्य के लिए यहां हैं. उस ड्रेसिंग रूम में या इस दौरे पर बहुत कम लोग हैं जिन्हें देश को गौरवान्वित करने का यह अवसर मिलता है. मैं परिवारों को हमारे साथ नहीं रखने के खिलाफ नहीं हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘परिवार का होना महत्वपूर्ण है. आपका ध्यान अगर देश को गौरवान्वित करने की ओर है और आपकी भूमिका किसी भी अन्य चीज़ से कहीं ज्यादा बड़ी है और आप उस लक्ष्य, उस उद्देश्य के प्रति प्रतिबद्ध हैं तो मुझे लगता है कि बाकी सब ठीक है. मुझे लगता है कि वह उद्देश्य और वह लक्ष्य किसी भी अन्य चीज से कहीं ज्यादा अहम है.’’ गंभीर से जब पूछा गया कि वह तनाव मुक्त कैसे होते है तो उन्होंने कहा, ‘‘यह एक कठिन सवाल है. मुझे अभी तक समझ नहीं आया है कि मैं कैसे इन चीजों से अपना ध्यान अलग करूं क्योंकि मैं ऐसा नहीं कर पाता हूं. कभी-कभी यह बहुत मजेदार और बहुत अजीब होता है.’’
इससे पहले दिग्गज बल्लेबाज विराट कोहली ने खिलाड़ियों के साथ परिवार को रखने का समर्थन किया था. कोहली का तर्क था कि अधिक दबाव वाली स्थितियों के दौरान परिवार की मौजूदगी से काफी मदद मिलती है. गंभीर ने हालांकि बाकी सब चीजों से पहले देश को रखने के महत्व पर जोर दिया. इंग्लैंड के खिलाफ लॉर्ड्स में तीसरे टेस्ट के इतर गंभीर ने यह भी स्वीकार किया कि उन्हें खेल से खुद को अलग करना मुश्किल लगता है. उन्होंने खुलासा किया कि बर्मिंघम में इंग्लैंड पर भारत की जीत के कुछ ही मिनटों बाद वह टीम संयोजनों के बारे में सोच रहे थे.
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