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Bihar Elections News : बिहार चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में सियासी हलचल तेज हो गई है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में निषादराज सम्मेलन का आयोजन कर निषाद-मांझी समाज को साधने की कवायद शुरू कर दी है. मछुआ स…और पढ़ें
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने योजनाओं की जानकारी दी है.
हाइलाइट्स
- उज्जैन में ऐतिहासिक सम्मेलन, नई योजनाएं घोषित
- धार्मिक प्रतीकों से भावनात्मक जुड़ाव की कोशिश
- पीएम नरेंद्र मोदी के फिशरी मंत्रालय का भी जिक्र
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने संबोधन में रामायण काल के केवट प्रसंग को याद करते हुए कहा, “कभी-कभी भगवान को भी भक्तों की ज़रूरत पड़ती है, जाना था गंगा पार प्रभु केवट की नाव चढ़े.” यह पंक्ति एक ओर जहां धार्मिक जुड़ाव को दर्शाती है, वहीं दूसरी ओर निषाद/मछुआ समुदाय के गौरव और भूमिका को भी रेखांकित करती है. सम्मेलन में मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी की सराहना करते हुए कहा कि पहली बार स्वतंत्र भारत में मछली पालन के लिए अलग मंत्रालय बनाया गया. इसके ज़रिए इस समुदाय की आय में वृद्धि हुई है. मुख्यमंत्री ने भोपाल में केवट प्रशिक्षण संस्थान, रंगबिरंगा मछली घर और आधुनिक मछली पालन तकनीकों को लेकर कई योजनाएं घोषित कीं.
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने धार्मिक प्रतीकों के इस्तेमाल पर उठे सवालों का भी तीखा जवाब दिया. उन्होंने कहा, “ये भारत है, पाकिस्तान नहीं… हमें अपने गौरवशाली अतीत को स्मरण करना चाहिए.” उन्होंने निषादराज, महर्षि सांदीपनि जैसे नामों के महत्व को भी रेखांकित किया. राजनीतिक विश्लेषकों के मुताबिक, बीजेपी का यह सम्मेलन दोहरे उद्देश्य से प्रेरित है- पहला, मध्यप्रदेश के मछुआरा समाज को साधना और दूसरा, बिहार में असरदार निषाद समाज को भाजपा के पाले में लाना. विशेष रूप से जब आने वाले महीनों में बिहार में चुनाव प्रस्तावित हैं और वहां की जातीय राजनीति फिर गर्माने वाली है.
निषादराज नाम सुनकर ही सबको…
प्रधानमंत्री कहते हैं कि विरासत से विकास करो. निषादराज नाम सुनकर ही सबको ध्यान में आ जायेगा कि हम मछुआरा समाज के आदिपुरूष का नाम ले रहे हैं. तो ऐसे महत्वपूर्ण अवसरों पर उनको स्मरण करना चाहिये. आज हमने विद्यालय का नाम महर्षि सांदीपनि के नाम पर किया. तो सांदीपनि से श्रेष्ठ कौन आचार्य हो सकता है. हमारे आज के समय में अलग अलग तरह की नई टैक्नोलॉजी आ गई. इसलिये परंपरागत मछली पालन के साथ साथ एक केज आती है जिसमें तालाब के अंदर उत्कृष्ट जाति की मछलियाँ पाली जा सकती हैं. जिसकी मिडिल ईस्ट में बहुत माँग है. ऐसे कई तरह के प्रयोग हम कर रहे हैं जिसमें हम अपने मछुआरा समुदाय के लिये मछली उत्पादन को भी बढ़ावा दे रहे हैं. उनकी आजीविका के प्रबंध भी करेंगे. औऱ सरकार उनकी आर्थिक समृद्धि का मार्ग भी प्रशस्त करेगी.
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प…और पढ़ें
सुमित वर्मा, News18 में 4 सालों से एसोसिएट एडीटर पद पर कार्यरत हैं. बीते 3 दशकों से सक्रिय पत्रकारिता में अपनी अलग पहचान रखते हैं. देश के नामचीन मीडिया संस्थानों में सजग जिम्मेदार पदों पर काम करने का अनुभव. प… और पढ़ें