असंभव रिकॉर्ड: W, W, W, W, W… आखिरी ओवर में 5 विकेट और गुच्छों में हैट्रिक, 9 मैच फिर भी घातक बॉलर का करियर खत्म

असंभव रिकॉर्ड: W, W, W, W, W… आखिरी ओवर में 5 विकेट और गुच्छों में हैट्रिक, 9 मैच फिर भी घातक बॉलर का करियर खत्म


Unique Cricket Records: भारतीय क्रिकेट में कई ऐसी कहानियां हैं जिसमें किसी खिलाड़ी का करियर शुरू होने से पहले ही खत्म हो गया. ऐसे ही एक बेताज बादशाह की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं जिसने एक ही ओवर में 5 विकेट झटकने का चमत्कार किया है. इतना ही नहीं, इस प्लेयर के नाम तीनों फॉर्मेट में हैट्रिक लेने का रिकॉर्ड भी दर्ज है. किसी भी गेंदबाज के लिए एक मैच में पांच विकेट लेना बड़ी बात होती है. ऐसे में एक ओवर में पांच विकेट का कारनामा चमत्कार से कम नहीं माना जाएगा. 

छोटा रहा करियर

भले ही यह असंभव जैसा रिकॉर्ड इस गेंदबाज के नाम है. लेकिन फिर भी करियर महज 9 मैच में ही खत्म हो गया. हैट्रिक लेने का सपना हर किसी का होता है. इस गेंदबाज के नाम तो तीनों फॉर्मेट में हैट्रिक लेने का कारनामा भी दर्ज है. ऐसा वर्ल्ड रिकॉर्ड होने का बावजूद इस घातक गेंदबाज को इंटरनेशनल करियर में ज्यादा मौके नहीं मिले. आईए जानते हैं कि इस गेंदबाज ने कैसे एक ओवर में पांच विकेट और हैट्रिक पर हैट्रिक लेने का कारनामा किया. 

टी20 के एक ओवर में 5 विकेट

हम बात कर रहे हैं भारत के अभिमन्यु मिथुन की जिन्होंने तीनों फॉर्मेट में हैट्रिक लेने का कारनामा किया था. हालांकि, यह उपलब्धि उन्होंने घरेलू क्रिकेट में किया है. उन्होंने एक टी20 मैच में जादुई स्पेल भी फेंका जिसमें उनके नाम एक ओवर में 5 विकेट दर्ज हैं. इंटरनेशनल करियर की बात करें तो मिथुन ने भारत के लिए केवल 4 टेस्ट और 5 वनडे मैच खेले जिसमें उनके नाम टेस्ट में 9 जबकि वनडे में 5 विकेट दर्ज हैं.

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बन सकता था 6 विकेट का रिकॉर्ड

अभिमन्यु मिथुन की गेंदबाजी इतनी घातक थी कि एक ओवर में 6 विकेट का महारिकॉर्ड भी कायम हो सकता था. उन्होंने सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी के सेमीफाइनल मुकाबले में एक ओवर में 5 विकेट लेकर इतिहास रचा. मिथुन ने पारी के लास्ट ओवर की पहली चार गेंदों पर हिमांशु राणा, राहुल तेवतिया, सुमित कुमार और अमित मिश्रा जैसे अनुभवी बल्लेबाजों को अपने जाल में फंसाकर हैट्रिक ली. इसके बाद एक वाइड गेंद चली गई. फिर आखिरी बॉल पर जयंत यादव का विकेट लेकर उन्होंने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल की. उन्होंने यह कारनामा साल 2019 में किया था. इससे पहले साल 2009 में रणजी डेब्यू और 2019 में विजय हजारे ट्रॉफी में हैट्रिक लेने का कारनामा कर चुके थे.



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