केदारनाथ धाम स्थित भगवान शिव की प्रतिमा।
गुना के केदारनाथ धाम में इस वर्ष भी श्रद्धालु पहाड़ी से नीचे उतरकर भगवान शिव की प्रतिमा के पास जाकर दर्शन नहीं कर सकेंगे। प्रशासन ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध जारी रहेगा, लेकिन गेट पर बड़ी स्क्रीन लगाकर लाइव दर्शन की व्यवस
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केदारनाथ धाम जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर है। यहां पहाड़ी की तलहटी में भगवान शिव की अति प्राचीन प्रतिमा है। दो साल पहले उस जगह के पास मौजूद एक बड़ी चट्टान में दरार आ गई थी, जो उन्हीं सीढ़ियों के पास है, जहां से श्रद्धालु नीचे उतरते थे। इसके बाद से ही सुरक्षा की दृष्टि से नीचे जाने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
मंदिर के बाहर होगी स्क्रीन पर लाइव दर्शन की व्यवस्था कलेक्टर किशोर कुमार कन्याल ने बताया कि श्रद्धालुओं की आस्था का सम्मान करते हुए मंदिर गेट पर बड़ी एलईडी स्क्रीन लगाई जाएगी, जिस पर गर्भगृह के लाइव दर्शन दिखाए जाएंगे। मंदिर में सीसीटीवी कैमरे और लाइव स्ट्रीमिंग की तकनीक से यह प्रसारण होगा। इस व्यवस्था को फॉरेस्ट विभाग, एसडीएम, पुलिस और पंचायत मिलकर संचालित करेंगे, क्योंकि यह मंदिर वन क्षेत्र में आता है।
इस बार श्रद्धालु लाइव दर्शन कर सकेंगे।
श्रद्धालुओं ने विरोध जताया, रोक हटाने की मांग हालांकि, श्रद्धालु और स्थानीय ग्रामीण इस रोक को हटाने की मांग कर रहे हैं। शुक्रवार को ग्रामीणों और साधुओं ने रैली निकालकर कलेक्ट्रेट पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। उनका कहना है कि प्रशासन को चट्टान की मरम्मत करवाकर नीचे जाने की अनुमति देनी चाहिए, ताकि वे सावन में भगवान शिव के साक्षात दर्शन कर सकें।
प्रशासन का रुख- सुरक्षा पहले प्रशासन का कहना है कि जब तक चट्टान की स्थिति पूरी तरह सुरक्षित नहीं हो जाती, श्रद्धालुओं को नीचे जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती। कलेक्टर ने कहा कि, “श्रद्धालुओं की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करते हुए सुरक्षित और व्यवस्थित दर्शन का प्रयास किया जा रहा है।”
सावन और शिवरात्रि पर लगता है मेला दो वर्ष पहले तक सावन और शिवरात्रि पर यहां विशेष मेले का आयोजन होता था और हजारों श्रद्धालु भगवान के साक्षात दर्शन करते थे। फिलहाल यह परंपरा ऑनलाइन दर्शन तक सीमित हो गई है।