NHAI ने हाल ही में FASTag के इस्तेमाल को लेकर नए नियम लागू किए हैं, और इस बार सरकार सख्ती दिखाने को तैयार है. अब सिर्फ हाथ से FASTag दिखाना नहीं चलेगा. नियमों में बदलाव के अनुसार, FASTag को वाहन की विंडशील्ड (कांच) पर सही ढंग से चिपकाना अनिवार्य होगा.
अगर कोई टैग ढीला-ढाला FASTag चिपका होगा या उसकी जगह नहीं होगी और चालक उसे हाथ में दिखाने का प्रयास करेगा, तो उसे न केवल दो बार टोल देना पड़ सकता है बल्कि उसकी
FASTag को ब्लैकलिस्ट भी किया जा सकता है. NHAI ने सभी टोल प्लाजा से कहा है कि वे तुरंत ऐसे वाहनों की रिपोर्ट करें, ताकि उनकी FASTag को सिस्टम से ब्लॉक किया जा सके.
डिजिटल टोलिंग सिस्टम को दिया जा रहा बढ़ावा
नए डिजिटल टोलिंग सिस्टम की ओर बढ़ते हुए यह कदम विशेष रूप से फायदेमंद साबित होगा, क्योंकि इससे टोल चोरी और भारी ट्रैफिक जाम दोनों में कमी देखने को मिल सकती है. सरकार ने यह बदलाव इसलिए लागू किया है ताकि टोल प्लाजा पर समय की बर्बादी और सिस्टम के गड़बड़ी वाले ट्रांज़ैक्शंस से बचा जा सके. अगर FASTag सही तरीके से विंडशील्ड पर नहीं लगा होगा, तब डिजिटल स्कैनर टैग को पढ़ नहीं पाएगा और ट्रांज़ैक्शन कैंसिल या दोहरा हो सकता है. इससे न सिर्फ चालक को खासी परेशानी होगी बल्कि तेज चलने वाली लाइनों में देरी भी बढ़ेगी.
नया नियम चालक और वाहन मालिक दोनों की जिम्मेदारी बढ़ा देता है. अब उन्हें FASTag खरीदकर उसे सही से चिपकाने के साथ-साथ समय-समय पर उसका स्कैन और वेलिडिटी भी चेक करनी होगी ताकि ब्लैकलिस्ट होने से बचा जा सके. अगर किसी की टैग ब्लॉक हो जाती है, तो फिर उसे दोबारा एक्टिवेट कराने के लिए अतिरिक्त समय और मेहनत करनी पड़ सकती है.
फास्टैग से जुड़ी लापरवाही नहीं चलेगी
NHAI ने 11 जुलाई 2025 को ये साफ कर दिया था कि अब फास्टैग को लेकर किसी तरह की लापरवाही नहीं चलेगी. उन्होंने सभी टोल कलेक्शन एजेंसियों को निर्देश दिए हैं कि अगर कोई वाहन मालिक फास्टैग को सही तरीके से गाड़ी के सामने वाले कांच पर नहीं लगाता और हाथ में दिखाने की कोशिश करता है, तो उसकी तुरंत रिपोर्ट की जाए. उस रिपोर्ट के आधार पर NHAI ऐसे फास्टैग को ब्लैकलिस्ट कर देगी.
फास्टैग हो सकता है ब्लैकलिस्ट
NHAI ने टोल कलेक्शन एजेंसियों को एक खास ईमेल आईडी मुहैया कराई है, जिसके जरिए वे ऐसे वाहनों की जानकारी तुरंत भेज सकते हैं जिनका फास्टैग ठीक से नहीं लगा होता या जिनके ड्राइवर उसे हाथ में लेकर दिखाने की कोशिश करते हैं. जैसे ही एजेंसी इस जानकारी को भेजती है, NHAI उस फास्टैग को ब्लैकलिस्ट या हॉटलिस्ट कर देती है. इसके बाद वो फास्टैग काम करना बंद कर देता है और वाहन मालिक को टोल देने में दिक्कत का सामना करना पड़ता है.
इन नए नियमों का उद्देश्य सड़क पर वाहन चलाने के अनुभव को सुगम बनाना है और FASTag सिस्टम की ट्रांसपरेंसी को बढ़ाना है. इससे ट्रैफिक जाम कम होंगे, यात्रियों का समय बचेगा और टोल चोरी पर रोक लगेगी. ये बदलाव यात्रा को तेज और टोल प्रणाली को भरोसेमंद बनाने की एक स्मार्ट पहल है. अब जब आप अगली बार टोल पार करेंगे, तो अपने FASTag की सही स्थिति जरूर जांच लें वरना ‘ब्लैकलिस्ट’ की पेनल्टी आपको परेशानी दे सकती है.