उज्जैन का अनोखा अस्पताल! ‘हुक्का’ पीकर ठीक हो रहे मरीज

उज्जैन का अनोखा अस्पताल! ‘हुक्का’ पीकर ठीक हो रहे मरीज


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Ujjain News: डॉ निरंजन सराफ ने बताया कि देश में पहली बार उज्जैन के शासकीय धनवंतरी आयुर्वेद अस्पताल में हुक्के से मरीजों का इलाज किया जा रहा है. इसमें आयुर्वेदिक दवाइयां डाली जाती हैं.

उज्जैन. धूम्रपान करना स्वास्थ्य के लिए कितना हानिकारक हो सकता है, यह बात हम सब जानते हैं. मजेदार बात यह है कि धूम्रपान से बचने की सलाह लगभग सभी डॉक्‍टर्स भी देते हैं लेकिन क्या आपने ऐसा कोई अस्पताल देखा है, जहां हुक्के से रोगियों का इलाज हो रहा हो. मध्य प्रदेश के उज्जैन के शासकीय धनवंतरी आयुर्वेद अस्पताल के डॉ निरंजन सराफ का मानना है कि हुक्के से न सिर्फ दमा बल्कि सायनस, सर्दी सहित सभी श्वास के रोगों से मुक्ति मिल सकती है. उज्जैन के आयुर्वेदिक अस्पताल में अनोखे तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है. संभवतः देश में यह पहला प्रयोग है, जिससे मरीजों में इसका असर होने का दावा किया जा रहा है. दावा तो यह भी किया जा रहा है कि हुक्का पीने से अब तक कई मरीज ठीक हो चुके हैं.

डॉ निरंजन सराफ के अनुसार, देश में पहली बार उज्जैन के शासकीय धनवंतरी आयुर्वेद अस्पताल में हुक्के से धूम्रपान कराकर मरीजों का इलाज किया जा रहा है. उन्होंने लोकल 18 को बताया कि वह श्वास संबंधी मरीजों के लिए हुक्का लेकर आए हैं, जिसमें आयुर्वेद की दवाइयां डाली जाती हैं. इसका धूम्रपान करने से दमा के मरीज सहित श्वास के अन्य मरीजों को फायदा मिलता है. इस अनोखी तकनीक से इलाज कराने वाले मरीजों को भी इससे फायदा मिलने लगा है. यह तकनीक अपने आप में देशभर में अलग मानी जानी रही है.

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हुक्के में कई चीजों का फ्लेवर
इस हुक्के में आयुर्वेदिक दवाइयां डाली जाती हैं. इसमें एरंड मूल, देवदारु, कंटकारी, मुलेठी, हल्दी, तेज पत्ता, पीपल की छाल, घी, नागर मौथा, गूलर दाल, बरगद की छाल का उपयोग किया जाता है. डॉ सराफ की मानें, तो यह हुक्का लंग्स को हेल्दी रखता है. ऑक्सीजन के सर्कुलेशन को बढ़ाता है. नलियों को फैलाता है और फेफडे़ की नलियों को खोलता है. इसके साथ ही कफ भी ठीक करता है. इसे घर पर भी लिया जा सकता है.

कई मरीज हो चुके हैं ठीक
यहां इलाज करा चुके मुकेश अग्रवाल और नरेंद्र सोनी ने लोकल 18 को बताया कि हमें श्वास संबंधी दिक्क्त थी. यहां आकर यह हुक्का पीने से कुछ ही दिनों में हम पूरे ठीक हो गए. डॉ निरंजन सराफ ने बताया कि 12 अलग-अलग औषधियों से बनी दवा का सेवन जब धूम्रपान के जरिए किया जाता है, तो उसका धुआं फेफड़ों और शरीर के उन भागों में पहुंचता है, जहां कोई बीमारी होती है. उनके दावे का आधार भी काफी मजबूत है. अभी तक यहां सैकड़ों मरीज ठीक होकर गए हैं.

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