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Chhatarpur News: बांस से बने कपड़े मेंटेनेंस फ्री होते हैं. इनमें आयरन करने की जरूरत नहीं पड़ती है. धुलाई के बाद भी इनका लुक नया जैसा ही रहता है. सबसे खास बात यह है कि बांस का कपड़ा मौसम के हिसाब से अपनी तासीर …और पढ़ें
खजुराहो के बाजार में 250 रुपये से लेकर 3200 रुपये तक की बांस की साड़ियों की रेंज देखने को मिलती है, जो यहां के स्थानीय और पर्यटकों के बीच काफी पसंद की जा रही है. महज 150 रुपये में अच्छे कुर्ते-कुर्तियां भी बाजार में उपलब्ध हैं. इस बाजार में आपको कुर्ता 150 रुपये, कुर्ती 200 रुपये, लॉन्ग कुर्ती 250 रुपये, स्कर्ट 300 रुपये, स्टोल 120 रुपये, गाउन 800 रुपये, लोअर 200 रुपये और शॉर्ट्स 150 रुपये में मिल जाएगा.
बांस से ऐसे बनता है कपड़ा
श्रीराम इंपोरियम दुकान के मालिक रमेश चंद्र गुप्ता लोकल 18 को बताते हैं कि सबसे पहले बांस को बारीकी से छीला जाता है. इसके बाद इसे केमिकल से उबालकर उससे लुग्दी (रेशों का गुच्छा) बनाई जाती है. इस लुग्दी से धागा तैयार किया जाता है, जो अंततः साड़ी बनाने के काम आता है. बांस की इस पूरी प्रक्रिया के कारण यहां की साड़ियां विशेष होती हैं और यही कारण है कि इनकी मांग भी काफी बढ़ी है.
बांस से बने कपड़ों की खासियत
उन्होंने आगे बताया कि बांस के कपड़े मेंटेनेंस फ्री होते हैं. इनमें आयरन (प्रेस) करने की भी जरूरत नहीं पड़ती है और धुलाई के बाद भी इनका लुक नया जैसा ही बरकरार रहता है. सबसे खास बात यह है कि यह कपड़ा मौसम के हिसाब से अपनी तासीर बदलता है. ठंड के मौसम में यह गरम और गर्मियों में यह ठंडक देता है, जिससे इसे पहनने वाले को हर मौसम में आराम मिलता है.