राधिका के पिता को तानों से परिवार बेखबर: ताऊ बोले- ऐसा होता तो दीपक जरूर बताता; अब मां-भाई किसी से मिलना नहीं चाहते – gurugram News

राधिका के पिता को तानों से परिवार बेखबर:  ताऊ बोले- ऐसा होता तो दीपक जरूर बताता; अब मां-भाई किसी से मिलना नहीं चाहते – gurugram News


हरियाणा की टेनिस प्लेयर राधिका यादव का मर्डर उसी के पिता दीपक यादव ने क्यों किया? हर कोई इस सवाल का जवाब जानना चाहता है। परिवार इस बात से इनकार कर रहा है कि राधिका और उसके पिता दीपक के बीच कोई अनबन थी या परिवार में किसी तरह का कोई तनाव था। ताने मारने

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घर से एक किलोमीटर दूर जिस वजीराबाद गांव में दीपक यादव दूध लेने जाता था, वहां ताने मारने की बात से ताऊ राजेश अनजान हैं। ताऊ का कहना है कि अगर ऐसा कुछ तो हमें जरूर पता चलता या दीपक हमें बताता।

वहीं, राधिका की मौत की वजह तलाशने जब दैनिक भास्कर की टीम उसके सुशांत लोक फेस-2 पहुंची तो दीपक यादव के भाइयों ने घर के अंदर जाने से रोक दिया। राधिका के ताऊ ने कहा कि अंदर जाने की किसी को इजाजत नहीं है। मां और भाई अभी किसी से नहीं मिलना चाहते। राधिका की मां अभी सदमे में है और वह बातचीत करने की हालत में नहीं है।

इस मर्डर से जुड़े कई सवालों के जवाब राधिका के ताऊ राजेश ने ही दिए। पढ़िए पूरी रिपोर्ट…

राधिका यादव मर्डर केस से जुड़े सवालों पर जवाब देते उनके ताऊ राजेश।

ताऊ राजेश से एक्सक्लूसिव बातचीत के अंश…

सवाल- फैमिली के साथ कैसा था दीपक का रिलेशन? जवाब- दीपक पूरी तरह बच्चों के लिए समर्पित था। बेटा धीरज उसके साथ उसके प्रॉपर्टी के काम में हाथ बंटाता था। वह राधिका की जिंदगी से जुड़े हर फैसले लेता था। यहां तक कि जब राधिका ने वीडियो शूट किया तो दीपक ने राधिका की मां मंजू को उसके साथ भेजा था।

सवाल- क्या वजह रही दीपक यादव ने अपनी ही बेटी की हत्या कर दी? जवाब- दीपक को भी नहीं पता यह काम कैसा हो गया। वह भी शॉक्ड है। दीपक ने अपनी बेटी पर बहुत मेहनत की। दिन रात एक कर दिया उसने। सब कुछ छोड़कर बेटी पर पैसा भी लगाया, मेहनत भी की थी। राधिका के लिए एकेडमी के लिए दीपक काम कर रहा था। वह बेटी को आगे बढ़ाना चाहता था।

सवाल- दीपक अपनी बेटी की टेनिस एकेडमी बंद करवाना चाहते थे? जवाब- देखिए, जो पिता अपनी बेटी पर इतनी मेहनत करेगा, वह कैसे एकेडमी बंद करवाना चाहेगा? ये सब बेबुनियाद बाते हैं। खेल के प्रति दीपक की भावना ऐसी नहीं थी। एकेडमी बंद करवाने की बात हमारी नॉलेज में नहीं है।

सवाल- हर कोई हैरान है कि पिता ने ही बेटी का मर्डर कर दिया, क्या वजह रही? जवाब- दीपक ने कभी किसी बात का जिक्र नहीं किया। सब इसी से हैरान हैं कि फैसला दीपक ने कैसे ले लिया? अगर कोई समस्या थी तो परिवार में भाइयों से बैठकर बात करता। हर समस्या का समाधान होता है। कभी वह मिलता था तो हमें कभी व्यवहार में चेंज नहीं दिखा। इस घटना पर दुख है और सभी को दुख है। गांव में भी पता कर सकते हैं कि दीपक का व्यवहार कैसा है? सब कहेंगे कि वह मिलनसार है। अगर हमारे परिवार में कोई बात होती थी तो हम उसी से राय लिया करते थे।

सवाल- क्या वीडियो की शूटिंग हत्या का कारण है? जवाब- नहीं, ऐसा नहीं है। वीडियो शूट तो करीब एक साल पहले हुए था और परिवार को इस बात का पता है। दीपक को भी पता था और जब वीडियो शूट हुआ तो उसकी मां साथ गई थी। अगर मसला होता तो उसी समय होता, साल डेढ़ साल बाद उस वजह से दीपक हत्या नहीं करता।

सवाल- मां ने भी बेटी की मौत के बाद खाना पीना छोड़ दिया है? जवाब- बेटी की मौत हो गई और पति जेल में है। मां के तो दोनों ही पैर टूट गए हैं। बेटी की मौत से मां सदमे में है। इस चीज का अफसोस दीपक को भी है कि यह उसके हाथ से क्या हो गया, कैसे हो गया? यह बात दीपक भी नहीं समझ पा रहा है। हम थाने में भी उसके साथ थे। 4-5 घंटे उसके साथ रहे। वारदात के दिन उसके साथ रहे। दूसरे दिन भी उसके साथ थे।

सवाल- दीपक को अब किस चीज का अफसोस हो रहा है? जवाब- दीपक यही कह रहा है कि गलती तो बहुत बड़ी हो गई। इसकी सजा फांसी है। बेटी तो चली गई, मगर हम कानून से लड़ाई लड़ेंगे। दीपक को छुड़वाने की कोशिश करेंगे। हम वकील भी करेंगे। बेटी का हम तर्पण करने गंगा जाएंगे। उसके बाद हम वकील से मिलेंगे और जो भी पॉसिबल कार्रवाई होगी, वह हम करेंगे।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह फोटो टेनिस प्लेयर राधिका यादव (दाएं) की है, जिसमें वह एक लड़की को टेनिस की ट्रेनिंग दे रही है। हालांकि परिवार या पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक यह फोटो टेनिस प्लेयर राधिका यादव (दाएं) की है, जिसमें वह एक लड़की को टेनिस की ट्रेनिंग दे रही है। हालांकि परिवार या पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है।

शिकायतकर्ता चाचा भी घर से बाहर नहीं निकले 10 जुलाई (गुरुवार) को राधिका की हत्या हुई। वारदात के बाद सबसे पहले मौके पर राधिका का चाचा कुलदीप और चचेरा भाई पीयूष यादव ही पहुंचे। ये ही लोग खून से लथपथ राधिका को अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां उसे मृत घोषित कर दिया गया। 11 जुलाई (शुक्रवार) को पोस्टमॉर्टम के बाद राधिका के शव का उनके पैतृक गांव वजीराबाद में अंतिम संस्कार किया गया। मुखाग्नि राधिका के भाई धीरज यादव ने दी। इस दौरान सभी नाते-रिश्तेदार मौजूद रहे, सिवाय आरोपी पिता दीपक के। बताया गया कि शिकायत कर्ता चाचा कुलदीप भी इसके बाद से घर से नहीं निकले है। मीडिया कर्मियों और गली मोहल्ले के लोगों से सिर्फ ताऊ ही मिल रहे हैं।

अब जानिए राधिका के टेनिस एकेडमी चलाने की पूरी कहानी…

राधिका की हत्या के बाद उसकी टेनिस एकेडमी चलाने को लेकर भी कई बातें सामने आ रही हैं। शुरुआत में सामने आया था कि पिता दीपक ने सवा करोड़ खर्च कर राधिका को एकेडमी खुलवाई थी। फिर सामने आया कि राधिका ने कोई एकेडमी नहीं खोली थी, उसने सिर्फ कोर्ट को किराए पर लिया था। इसी बात की पूरी सच्चाई जानने के लिए दैनिक भास्कर ने ग्राउंड पर जाकर रिपोर्टिंग की।

राधिका यादव से सीखने वाले बच्चों और ग्राउंड्समैन से बातचीत में पता चला है कि उनकी खुद की कोई एकेडमी नहीं थी, बल्कि सेक्टर 56 और 57 में कई ग्राउंड्समैन के साथ संपर्क में थी। जिस भी ग्राउंड में टेनिस कोर्ट खाली होता, वहां बच्चों को ले जाकर ट्रेनिंग देती थी।

  • राधिका के घर से 100 मीटर दूर पार्क में कोर्ट राधिका के घर से 100 कदम की दूरी पर पार्क है और इसी में टेनिस कोर्ट बना हुआ है। यहीं पर खेलते हुए राधिका बड़ी हुई। पिता ने महंगे टेनिस रैकेट से लेकर हर वो सुविधा उपलब्ध करवाई, जो उसके खेल के लिए जरूरी थी। राधिका ने पांच से छह साल तक विदेश में भी टेनिस की ट्रेनिंग ली। इस दौरान उसने राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल अपने नाम किए। मार्च 2025 में प्रेक्टिस के दौरान राधिका को कंधे और घुटने पर चोट लग गई, जिसके बाद वह कुछ दिन तक टेनिस से दूर हो गई।
  • कंधे की चोट की वजह से कोचिंग शुरू की जब कंधे और घुटने में आराम हुआ तो धीरे-धीरे फिर से प्रेक्टिस करने लगी, लेकिन उसमें पहले जैसी फुर्ती नहीं आ रही थी। वह टेनिस से बहुत ज्यादा प्यार करती थी, इसलिए टेनिस को छोड़ना नहीं चाहती थी। उसने फैसला किया कि वह बच्चों को टेनिस की ट्रेनिंग देगी। इसके साथ-साथ खुद की भी प्रेक्टिस होती रहेगी। शुरुआत में उसके पास सीखने के लिए बच्चे नहीं थे तो घर के साथ लगते पार्क में, जिसमें वह खुद प्रेक्टिस करती थी, उसमें बच्चों को सिखाना शुरू किया। इसमें उसके पिता दीपक यादव ने उसका साथ दिया।
  • सेक्टर 56 और 57 में ग्राउंड्समैन से बात करके लेती थी समय राधिका सेक्टर 56 और 57 में जहां टेनिस कोर्ट बने हुए हैं, वहां ग्राउंड्समैन के साथ संपर्क में रहती थी। एक दिन पहले शाम को ग्राउंड्समैन से बात कर पूछती थी कि कल टेनिस कोर्ट खाली है या नहीं। उसका जवाब आने के बाद आगे बच्चों को टाइम बताती थी। शुरुआत में मई महीने में घर से चार किलोमीटर दूर उल्लावास में केवल दो बच्चों को टेनिस की ट्रेनिंग देने के लिए सुबह और शाम को राधिका जाती थी। वहां बच्चों की संख्या नहीं बढ़ी तो एक माह बाद ही वहां जाना छोड़ दिया।
  • ट्रेनिंग के 3 हजार रुपए ही चार्ज लेती थी राधिका इसके बाद घर के पास बने पार्क में छह से सात बच्चों को ट्रेनिंग देने लगी। पिछले माह उसके पास 15 से 18 बच्चे ट्रेनिंग के लिए आने लगे तो उसने सेक्टर 56 और सेक्टर 57 में अलग-अलग दिनों में ट्रेनिंग देने लगी। इसकी एवज में 3 हजार रुपए ही चार्ज लेती थी। उल्लावास के ग्राउंड्समैन ने बताया कि वह टेनिस कोर्ट के लिए समय लेती। सोमवार का दिन उनका फिक्स रहता था। रविवार को देर शाम तक प्रेक्टिस करती थी।
राधिका यादव इसी कोर्ट में खिलाड़ियों को टेनिस की ट्रेनिंग देती थी।

राधिका यादव इसी कोर्ट में खिलाड़ियों को टेनिस की ट्रेनिंग देती थी।

  • दो सप्ताह से मां साथ आ रही थी एक ग्राउंड्समैन ने बताया कि दो सप्ताह से राधिका के साथ उसकी मां भी आ रही थी। राधिका किसी के साथ ज्यादा बात नहीं करती थी। थार गाड़ी से आती, प्रेक्टिस करवाती और निकल जाती थी। वहीं, घर से करीब एक किलोमीटर दूर सेक्टर 56 में बने ग्राउंड में हम पहुंचे। यहां बारिश के कारण पानी भरा हुआ था और पिछले दो दिन से ग्राउंड खाली ही पड़ा था। यहां पास ही एक दुकान चलाने वाले युवक ने बताया कि करीब एक माह से राधिका यहां बच्चों को टेनिस की ट्रेनिंग देने के लिए आ रही है। यह जमीन नगर निगम की है और किसी फुटबॉल के कोच ने इसे लीज पर लिया हुआ है। इसी में टेनिस की कोर्ट बनी है और यहां पर राधिका सप्ताह में चार से पांच दिन बच्चों को ट्रेनिंग देती थी। बताया जा रहा है कि महीने में जितने दिन ट्रेनिंग देती थी, उसी हिसाब से पेमेंट करती थी।



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