सतना के चित्रकूट में शनिवार सुबह जब लोग नींद से जागे तो नजारा बदला सा था। हर तरफ पानी ही पानी था। गली-मोहल्लों और घरों में पानी, दुकानों में पानी, मठ-मंदिरों में पानी, धर्मशालाओं में पानी।
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24 घंटे में करीब 10 इंच बारिश हुई। मंदाकिनी नदी उफान पर आ गई। अपनी सीमाएं लांघ दी। शहर में सैलाब आ गया। सड़कों पर दरिया बहने लगे। हर कोई महफूज ठिकाने की तलाश में था।
भगवान राम की तपोस्थली चित्रकूट में बारिश मानो आफत लेकर आई थी। आलम ये था कि सड़कों पर नाव चलने लगी।
दैनिक भास्कर की टीम ने हालात का जायजा लिया। लोगों से बात की। ये जाना कि इस तरह के हालात कैसे बने। लोगों को क्या परेशानी उठानी पड़ी..
पढ़िए चित्रकूट से बाढ़ के हालात की ग्राउंड रिपोर्ट…
सबसे पहले तीन तस्वीरें देखिए –
शहर में सिर्फ पानी दिखाई दे रहा था। एक बच्चा जुगाड़ से बनी नाव पर मस्ती करते दिखा।

स्थानीय लोगों ने बाहर से आए श्रद्धालुओं को अपने घर की छतों पर शरण दी।

सतना कलेक्टर डॉ. सतीश कुमार और एसपी आशुतोष गुप्ता ने नाव में बैठकर जायजा लिया।
24 घंटे में 10 इंच पानी बरसा, हालात बेकाबू हो गए
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार-शनिवार को सतना जिले के चित्रकूट में 24 घंटे में 10 इंच बारिश रिकॉर्ड की गई। लगातार बारिश से चित्रकूट की मंदाकिनी नदी उफान पर आ गई। पहाड़ों और जंगली नालों का पानी भी नदी में आया, जिससे जल स्तर अचानक तेजी से बढ़ने लगा। नदी के घाटों के आसपास की दुकानें और घर डूबने लगे। देखते ही देखते हालात बाढ़ जैसे हो गए।
नदी के दोनों ओर करीब एक किलोमीटर के क्षेत्र में 5-6 फीट तक पानी भर गया। बाढ़ की वजह से लगभग 200 दुकानों और रेस्टोरेंट के अलावा इतने ही घरों और धर्मशालाओं में भी जलभराव हो गया।
चित्रकूट के लोहसरिया, राघव प्रयाग घाट, खटीकान मोहल्ला, पुरानी लंका, सियाराम कुटी, आरोग्यधाम और प्रमोद वन सबसे ज्यादा प्रभावित हुए। यहां चारों तरफ डूबने जितना पानी था। लोग
खुद को बचाते हुए घर गृहस्थी के सामान से लेकर दुकानों का सामान जितना बचा सकते थे बचाते दिखाई दिए। लोगों ने बताया उनकी आंखों के सामने उनके घर-दुकान पानी में डूब गए। घरों की छतों और सड़क पर बैठकर पानी उतरने का इंतजार किया।

पानी उतरने के बाद स्थानीय लोगों के घरों और दुकानों में कीचड़ ही कीचड़ हो गया था।
कलेक्टर-एसपी ने नाव में बैठकर लिया हालात का जायजा शहर में बाढ़ की स्थिति बनने पर खुद कलेक्टर-एसपी हालात का जायजा लेने पहुंचे। उन्होंने नाव में सवार होकर लोगों की परेशानी को समझा।
राम मोहल्ला में चारों तरफ पानी ही पानी भरा था। लोग घरों-दुकानों में घुसे पानी के बीच सामान निकालते नजर आए। बाहर से आए कई श्रद्धालु जो बाढ़ में फंसे थे, वे जल भराव कम होने की राह देख रहे थे ताकि अपने घर लौट सकें।

जलस्तर बढ़ने से लोगों के चार पहिया वाहन भी डूब गए।
सिलेंडर, फ्रिज, कूलर, टीवी बहते नजर आए शनिवार सुबह 5 बजे ही मंदाकिनी नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया था। नदी में गैस सिलेंडर, फ्रिज, कूलर और टीवी बहते नजर आए। सड़कों पर खड़े वाहन भी डूब गए। पर्यटक और श्रद्धालु भी बाढ़ में फंसे मिले। लोगों का कहना है कि इससे पहले साल 2003 में ऐसे हालात बने थे।
अब पढ़िए, बाढ़ से प्रभावित कुछ लोगों की आपबीती





कलेक्टर बोले- परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही कलेक्टर डॉ सतीश कुमार एस ने बताया, पूरी परिस्थितियों पर बारीकी के साथ नजर रखी जा रही है। प्रशासनिक एवं पुलिस की टीम प्रभावित लोगों तक हर संभव मदद पहुंचाने में लगी है।


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