गैविनाथ धाम का खंडित शिवलिंग: औरंगजेब ने तोड़ने की कोशिश की, आज भी होती है पूजा; पहली बार जलधारी से हो रहा अभिषेक – Satna News

गैविनाथ धाम का खंडित शिवलिंग:  औरंगजेब ने तोड़ने की कोशिश की, आज भी होती है पूजा; पहली बार जलधारी से हो रहा अभिषेक – Satna News


मंदिर परिसर में हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारों के बीच श्रद्धा और भक्ति का माहौल बना हुआ है।

सतना जिले के बिरसिंहपुर स्थित प्राचीन गैविनाथ धाम में सावन महीने के पहले सोमवार को शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। आज सुबह 4 बजे से ही मंदिर के बाहर श्रद्धालुओं की लंबी कतार लग गई। कड़े पुलिस-प्रशासनिक इंतजामों के बीच श्रद्धालु भोलेनाथ का जलाभिषेक कर आ

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गैविनाथ धाम में खंडित शिवलिंग की पूजा होती है। मान्यता है कि मुगल शासक औरंगजेब ने शिवलिंग को ध्वस्त करने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो सका। तभी से खंडित स्वरूप में ही भगवान शंकर की पूजा की परंपरा चली आ रही है। भक्तों का विश्वास है कि यहां पूजन से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।

पहली बार जलधारी से अभिषेक की व्यवस्था श्रद्धालुओं की भीड़ को देखते हुए इस बार पहली बार मंदिर में जलधारी से जलाभिषेक की व्यवस्था की गई है। मंदिर का गर्भगृह छोटा होने के कारण भीड़ नियंत्रित करने में मुश्किलें आती थीं। इस बार श्रद्धालुओं का गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। अब भक्त बाहर से ही जलधारी के माध्यम से अभिषेक कर रहे हैं।

दूर-दराज से पहुंचे श्रद्धालु गैविनाथ धाम में सिर्फ आसपास के गांवों से ही नहीं, बल्कि जिले और प्रदेश के अन्य हिस्सों से भी बड़ी संख्या में शिवभक्त पहुंचे हैं। मंदिर परिसर में हर-हर महादेव और बम-बम भोले के जयकारों के बीच श्रद्धा और भक्ति का माहौल बना हुआ है।

गैविनाथ धाम में सावन सोमवार पर उमड़ी यह भीड़ शिवभक्ति की शक्ति और आस्था का प्रतीक बनी हुई है, जहां व्यवस्था में किए गए बदलावों ने श्रद्धालुओं को बेहतर दर्शन और सुगम अभिषेक का अवसर दिया है।



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