मुरैना के जौरा क्षेत्र में पकड़े गए घड़ियालों के बच्चों और बटागुर कछुआ के बच्चों को देवरी घड़ियाल केंद्र में क्वारैंटाइन कर दिया गया है। शिवपुरी की एसटीएफ की टीम सोमवार को मुरैना आई थी। टीम के सदस्यों ने पंचनामा बनाकर घड़ियाल केंद्र प्रभारी फॉरेस्ट ऑ
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इस मामले में पकड़े गए तीनों आरोपियों को शिवपुरी एसटीएफ अपने साथ शिवपुरी ले गई है जहां उनसे पूछताछ की जा रही है।
घड़ियाल संरक्षण केंद्र देवरी
मुरैना वन विभाग को खबर नहीं शिवपुरी एसटीएफ तस्करों को कई मीना से वॉच कर रही थी जबकि मुरैना स्थित वन विभाग के अधिकारियों को इस मामले की कानों-कान खबर नहीं थी। यह बात फिलहाल वन विभाग के अधिकारी कहते नजर आ रहे हैं। असल बात जो सामने आ रही है वह यह है कि मुरैना वन विभाग के कुछ अधिकारियों को इस बात की जानकारी थी लेकिन वह चुप्पी साधे बैठे थे।
सोमवार को यह स्थिति रहेगी वन विभाग के किसी भी अधिकारी ने अपना मुंह नहीं खोला। इस संबंध में जब घड़ियाल संरक्षण केंद्र की प्रभारी रिंकी आर्य से बात करना चाही तो उन्होंने इस मामले में कोई भी जानकारी होने से स्पष्ट इनकार कर दिया।

कछुओं को छोड़ा गया है।
इंटरनेशनल तस्करों से कनेक्शन मुरैना से चुराए जाने वाले घड़ियालों के बच्चों तथा कछुओं की तस्करी करनेवाले इन तस्करों के तार इंटरनेशनल तस्करों से जुड़े हुए बताए जा रहे हैं। शिवपुरी की एसटीएफ टीम को इसकी जानकारी बहुत पहले ही लग चुकी थी। अब एसटीएफ इन तस्करों की मदद से उन तक पहुंचाने की कोशिश कर रही है।

हेचरी
मुरैना पुलिस को नहीं दी जानकारी इस मामले में एसटीएफ नहीं मुरैना पुलिस को शामिल नहीं किया है। जौरा थाना पुलिस को केवल उतने ही समय के लिए शामिल किया था जब उनकी मदद से उन तस्करों को पकड़ना था। उसके बाद पुलिस को इस मामले से पूरी तरह से अलग कर दिया।
मुरैना एएसपी सुरेंद्र पाल सिंह डाबर ने कहा

पुलिस को इस मामले से पूरी तरह से अलग रखा गया है। हमें इस मामले में कोई जानकारी नहीं दी गई है। वन विभाग अपने स्तर पर तस्करों को पकड़ कर उनसे पूछताछ कर रहा है।