कोर्ट में यह मामला विचाराधीन है।
शहर के माढ़ोताल थाने में जमीन से जुड़ा धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। 55 वर्षीय बुजुर्ग सुभाष केशरवानी ने शिकायत दर्ज करवाई है कि कोर्ट में मामला विचाराधीन होने के बावजूद जमीन मालिक की पत्नी और बच्चों ने अनुबंध की अनदेखी करते हुए जमीन किसी और के नाम
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सुभाष के मुताबिक, साल 1995 में ग्राम रैंगवा के पास स्थित 0.98 हेक्टेयर जमीन को लेकर योगेश अवस्थी निवासी दीक्षितपुरा से उनका अनुबंध हुआ था। मामला कुछ समय बाद विवादित हो गया और न्यायालय में पहुंच गया, जहां यह अभी भी विचाराधीन है।
शिकायतकर्ता का कहना है कि जमीन को लेकर कोर्ट के आदेश पर भी पुलिस ने कार्रवाई नहीं की।
पिछले साल जमीन मालिक की हो गई मौत
पीड़ित सुभाष केशरवानी का कहना है कि वर्ष 1995 में योगेश अवस्थी के साथ एक लिखित अनुबंध हुआ था, लेकिन योगेश ने इस अनुबंध का पालन नहीं किया। इसके बाद उन्होंने कोर्ट की शरण ली और मामला न्यायालय में विचाराधीन हो गया।
इस बीच 2024 में योगेश की मौत हो गई। उनके निधन के बाद पत्नी गीता अवस्थी, बेटा राजेश और बेटी रश्मि ने खुद को वारिस बताते हुए जमीन को अपने नाम करवा लिया और उसे राजस्व रिकॉर्ड में भी दर्ज करवा दिया।
सुभाष का आरोप है कि यह जमीन कोर्ट से डिक्रीशुदा होने के बावजूद वारिसों ने उसे टुकड़ों में बेच दिया। जब उन्हें इस धोखाधड़ी की जानकारी मिली, तो उन्होंने माढ़ोताल थाने में शिकायत दर्ज कराई।
पुलिस की ओर से कोई कार्रवाई न होते देख सुभाष ने कोर्ट में परिवाद दायर किया। कोर्ट के निर्देश पर पुलिस ने अब मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

सुभाष केशरवानी ने बताया कि मानसिक,शारीरिक रूप से परेशान किया जा रहा है।
दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग
सुभाष केशरवानी ने बताया कि योगेश अवस्थी ने एग्रीमेंट की शर्तों को ट्रायल कोर्ट के बाद हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी, जहां ट्रायल कोर्ट का आदेश यथावत रखा गया। इस बीच जब योगेश की मौत हो गई तो जमीन को बेच दिया गया। उन्होंने कहा कि 30 साल से मैं प्रताड़ित हो रहा हूं, शारीरिक, मानसिक रूप से परेशान किया जा रहा था, जिसमें पुलिस भी शामिल थी। सुभाष केशरवानी ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।