दुनिया भर में अपने अद्भुत मैराथन रिकॉर्ड्स के लिए मशहूर एथलीट फौजा सिंह का सोमवार को पंजाब के जालंधर में निधन हो गया। 114 साल के फौजा सिंह को जालंधर में उनके घर के बाहर एक अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी।
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हादसा देर शाम को हुआ। गंभीर रूप से घायल फौजा सिंह को इलाज के लिए एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान उन्होंने रात में अंतिम सांस ली। हादसे की सूचना मिलते ही जालंधर पुलिस की टीमें मौके पर पहुंचकर जांच में जुट गई हैं।
90 साल की उम्र में पहली मैराथन पूरी की फौजा सिंह का जन्म 1911 में पंजाब के जालंधर जिले के ब्यास पिंड में हुआ था। वह पूरी दुनिया में एक मिसाल बने, जब उन्होंने 90 साल की उम्र में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मैराथन दौड़ना शुरू किया। उनकी कड़ी मेहनत और अदम्य साहस ने उन्हें ‘टर्बन टॉरनेडो’ (पगड़ीधारी तूफान) के नाम से मशहूर कर दिया।
फौजा सिंह ने 90 साल की उम्र में अपनी पहली मैराथन दौड़ पूरी की थी। 2004 में उन्होंने 93 साल की उम्र में लंदन मैराथन पूरी की। 2011 में 100 साल की उम्र में उन्होंने टोरंटो मैराथन पूरी की और 100+ की कैटेगरी में रिकॉर्ड बनाया।
वह अब तक के सबसे उम्रदराज मैराथन धावक माने जाते हैं, जिन्होंने कई मैराथन दौड़ें पूरी कीं। फौजा सिंह ने अपने करियर के दौरान स्वास्थ्य, सहनशक्ति और सकारात्मक सोच की मिसाल पेश की।
खेल जगत में शोक की लहर फौजा सिंह की मौत ने पूरे खेल जगत और उनके चाहने वालों को गहरे शोक में डुबो दिया है। लोग उन्हें न केवल एक महान एथलीट, बल्कि साहस और प्रेरणा के रूप में याद कर रहे हैं। पुलिस ने हादसे की जांच शुरू कर दी है और अज्ञात वाहन व उसके चालक की तलाश जारी है। जालंधर प्रशासन ने फौजा सिंह की मौत होने की पुष्टि की है और दुख जाहिर गया है।
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