भक्तों ने बेलपत्र, दूब, फूल और धतूरा अर्पित कर जलाभिषेक किया।
श्रावण मास के पहले सोमवार को अशोकनगर जिले में श्रद्धा और भक्ति का अद्भुत संगम देखने को मिला। सुबह से ही रिमझिम बारिश के बीच शहर और गांवों के शिवालयों में शिवभक्तों की भारी भीड़ उमड़ी। हर तरफ ‘बम बम भोले’ के जयकारे गूंजे। श्रद्धालु दूध, जल, बेलपत्र और
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शहर के प्रसिद्ध राजराजेश्वर महादेव मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। मान्यता है कि यहां एक बार अभिषेक करने से हजार अभिषेक का पुण्य फल प्राप्त होता है। इस मंदिर की खास बात यह है कि यहां एक शिवलिंग पर 1000 छोटे-छोटे शिवलिंग उकेरे गए हैं, जो इसे विशेष बनाते हैं।
हजारेश्वर मंदिर सहित अन्य शिवालयों में भी दर्शन सैकड़ों साल पुराने हजारेश्वर महादेव मंदिर में भी भक्त सुबह से पूजा-अर्चना में जुटे रहे। तार वाले बालाजी मंदिर, केवल सरकार मंदिर, शिव गौरी मंदिर और सराफा बाजार के शिवालयों में भी दिनभर श्रद्धालुओं की आवाजाही रही।
ग्रामीण अंचलों में भी शिवभक्ति का उत्साह शहर ही नहीं, गांवों में भी शिव मंदिरों में श्रद्धालु जुटे। भक्तों ने बेलपत्र, दूब, फूल और धतूरा अर्पित कर जलाभिषेक किया। ग्रामीण अंचलों के मंदिरों में भी सैकड़ों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर पूजा-अर्चना में लीन नजर आए।
बारिश में भी नहीं थमी आस्था सुबह से हो रही रिमझिम बारिश के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह कम नहीं हुआ। श्रद्धालु छातों और रेनकोट के साथ मंदिर पहुंचे, कई श्रद्धालु बारिश में भीगते हुए भी भोलेनाथ की पूजा करते नजर आए। बारिश और भक्ति का यह मिलन आध्यात्मिक माहौल में एक अलग ही शांति और ऊर्जा का अनुभव करवा रहा था।
श्रावण सोमवार की शुरुआत भक्ति, श्रद्धा और परंपरा के इस संगम के साथ हुई, जिसने यह स्पष्ट कर दिया कि शिवभक्ति में न मौसम आड़े आता है, न हालात। भक्तों के हृदय में बस शिव ही शिव हैं।
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