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Satna New Plane: मध्य प्रदेश के सातवें एयरपोर्ट के तौर पर सतना से अब हवाई सफर भी संभव हो गया है. 40 करोड़ की लागत से बने इस एयरपोर्ट से फ्लाइट बुकिंग शुरू हो चुकी है, जिसमें भोपाल, इंदौर, रीवा और सिंगरौली के लिए उड़ानें तय हैं और किराया लमसम ₹3500 तक रहेगा.
मध्य प्रदेश के सातवें एयरपोर्ट के रूप में सतना एयरपोर्ट अब उड़ान भरने के लिए तैयार है. जनवरी 2024 में शुरू हुआ निर्माण कार्य दिसंबर 2024 में डीजीसीए से मंजूरी के बाद अब अपनी पहली कमर्शियल बुकिंग के साथ जनता के लिए खुल गया है.

करीब 40 करोड़ रुपये की लागत से बने इस एयरपोर्ट में 768 वर्ग मीटर का टर्मिनल और 1250 मीटर लंबी रनवे है. 19 सीटर जैसे डोर्नियर-228 छोटे विमानों के लिए तरह तैयार था. वहीं इसकी वार्षिक यात्री क्षमता 2.5 लाख तक रखी गई है.

31 मई 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भोपाल से वर्चुअल माध्यम से सतना एयरपोर्ट का उद्घाटन किया. इस मौके पर मध्य प्रदेश पर्यटन बोर्ड ने पीएम श्री पर्यटन वायु सेवा की शुरुआत भी की. जिससे छेत्रीय कनेक्टिविटी को नया आयाम मिला.

लोकल 18 को जानकारी देते हुए डायरेक्टर अशोक गुप्ता ने बताया कि सतना एयरपोर्ट से पहली कमर्शियल फ्लाइट बुकिंग 10 जुलाई से शुरू हो चुकी है. बुकिंग फिलहाल फ्लाई ओला की वेबसाइट और jetserveaviation.com पर ऑनलाइन की जा रही है साथ ही लालता चौक पर ऑफलाइन बुकिंग काउंटर भी मौजूद है.

फ्लाइट शेड्यूल के अनुसार, सप्ताह में 6 दिन उड़ानें संचालित हो रही हैं केवल बुधवार को कोई फ्लाइट नहीं है. भोपाल, इंदौर, रीवा और सिंगरौली जैसे शहरों से कनेक्टिविटी स्थापित की गई है.

फ्लाइट किराया ₹1800 से ₹5300 के बीच तय किया गया है जो रूट और दिन के अनुसार बदलता है. भोपाल-सतना, सतना-सिंगरौली, इंदौर-रीवा जैसे रूट्स पर अलग-अलग फेयर लागू किए गए हैं.

यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए सतना एयरपोर्ट पर हाल ही में 67 स्टेट पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है. ये टीम एयरपोर्ट परिसर की सुरक्षा के साथ यात्री सहायता में भी सक्रिय रहेगी.

फिलहाल सेवा 6-सीटर छोटे विमानों से शुरू की गई है जिससे क्षेत्रीय यात्रा को गति मिलेगी. इसका उद्देश्य है दूर-दराज के शहरों को तेज और सुगम कनेक्टिविटी देना जो अब साकार होता दिख रहा है.

सतना एयरपोर्ट की शुरुआत से न सिर्फ रोजगार के अवसर बढ़े हैं, बल्कि स्थानीय पर्यटन को भी रफ्तार मिली है. अब बिजनेस ट्रिप, टूरिज्म और मेडिकल इमरजेंसी में तेज़ यात्रा संभव हो सकी है जिससे विन्ध्य क्षेत्र की संभावनाएं भी उड़ान भरने लगी हैं.