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Omkareshwar Temple Sawan 2025: श्रद्धालुओं ने कहा कि इस बार न केवल दर्शन जल्दी हुए बल्कि अंदर जाकर शांतिपूर्वक जल चढ़ाने और पूजा-पाठ का भी मौका मिला. महिलाओं, बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए अलग से व्यवस्था की ग…और पढ़ें
सावन भगवान शिव का प्रिय मास माना जाता है. पूरे महीने भर खासतौर पर सोमवार के दिन देशभर से श्रद्धालु ओंकारेश्वर पहुंचते हैं. यहां नर्मदा में स्नान कर श्रद्धालु कांवड़ में पवित्र जल भरते हैं और उसे शिवलिंग पर अर्पित कर पुण्य अर्जित करते हैं. इस बार श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी न हो, इसके लिए प्रशासन ने पहले से ही व्यापक इंतजाम किए. पूरे मंदिर परिसर में साफ-सफाई, बैरिकेडिंग, पेयजल और मेडिकल टीम की व्यवस्था की गई. इस बार की सबसे बड़ी खासियत यह रही कि सभी गेट खोल दिए गए हैं. पहले जहां एक या दो गेटों से ही प्रवेश होता था, अब सभी रैंप श्रद्धालुओं के लिए खुले हैं. इससे लाइन तेजी से आगे बढ़ रही है और एक घंटे में 10 हजार से भी ज्यादा लोग दर्शन कर पा रहे हैं.
जल चढ़ाने और पूजन का भी मिला अवसर
श्रद्धालुओं ने बताया कि इस बार न केवल दर्शन जल्दी हुए बल्कि अंदर जाकर शांतिपूर्वक जल चढ़ाने और पूजन का भी अवसर मिला. बुजुर्गों, महिलाओं और दिव्यांगों के लिए भी अलग से विशेष व्यवस्था की गई है. हर साल की तरह इस बार भी हजारों कांवड़िए ओंकारेश्वर पहुंचे. नर्मदा जल से भरी कांवड़ लेकर भोलेनाथ को चढ़ाने की परंपरा श्रद्धा और आस्था का प्रतीक है. सावन सोमवार को तो यह नजारा और भी अद्भुत हो जाता है. कांवड़ यात्रा के मार्गों पर विशेष सुरक्षा बल, स्वास्थ्य शिविर और विश्राम केंद्र बनाए गए हैं ताकि कोई भी श्रद्धालु असुविधा महसूस न करे.
अगर यह व्यवस्था सफल रही, तो…
प्रशासन का कहना है कि अगर यह व्यवस्था सफल रही, तो आगामी सोमवारों और बड़े पर्वों पर भी इसी तरह से सभी गेट खोले जाएंगे, साथ ही सीसीटीवी कैमरे, कंट्रोल रूम और निगरानी व्यवस्था को भी और मजबूत किया जाएगा. ओंकारेश्वर में इस बार सिर्फ आस्था नहीं दिखी बल्कि प्रबंधन का उत्कृष्ट उदाहरण भी सामने आया. प्रशासन, मंदिर समिति और सेवकों ने मिलकर यह साबित कर दिया कि जब इरादा सेवा का हो, तो कोई व्यवस्था असंभव नहीं. श्रद्धालुओं का कहना है कि इस बार की सावन शुरुआत उन्हें सालों तक याद रहेगी, न केवल भोलेनाथ की कृपा के लिए बल्कि उस सुगमता और श्रद्धा के लिए, जो दर्शन में महसूस हुई.