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Vinay Kumar son of auto driver: विनय कुमार का पहला टेस्ट मैच करियर का आखिरी टेस्ट मैच साबित हुआ. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में सौरव गांगुली जैसे दिग्गज को आउट कर सुर्खियां बटोरने वाले कनार्टक के विनय कुमार का जन्म ऑ…और पढ़ें
विनय कुमार को एक ही टेस्ट मैच खेलने का मिला मौका.
हाइलाइट्स
- विनय कुमार रणजी में सर्वाधिक विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं
- तेज गेंदबाज विनय कुमार को एक ही टेस्ट खेलने का मौका मिला
- वापसी वनडे मैच में उन्होंने 100 से ज्यादा रन लुटाकर अनचाहा रिकॉर्ड बना डाला
विनय कुमार (Vinay Kumar) को 13 साल की उम्र में क्रिकेटर बनने का ख्याल आया. चूंकि पिता ऑटो चालक थे तो परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी. बावजूद इसके पिता को जब पता चला कि बेटा क्रिकेटर बनना चाहता है तो उन्होंने उसके सपने को साकार करने के लिए तैयार हो गए. ऑटो चालक पिता रंगनाथ ने बेटे को क्रिकेटर बनाने के लिए दिन रात एक कर दिया. विनय ने इसके बाद अपने ग्रुप के क्रिकेट खेले. उसके बाद वो कर्नाटक की ओर से अंडर 19 टीम में आए और साल 2004 में विनय ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट में डेब्यू किया. उसी साल 7 नवंबर को उन्होंने बंगाल के खिलाफ रणजी ट्रॉफी के जरिए प्रथम श्रेणी क्रिकेट में कदम रखा. विनय ने अपने पहले फर्स्ट क्लास मैच में सौरव गांगुली और बंगाल के तत्कालीन कप्तान रोहन गावस्कर को आउट कर खूब सुर्खियां बटोरी. उन्होंने करियर के पहले 3 फर्स्ट क्लास मैचों में 20 विकेट लेकर कर्नाटक की टीम में अपनी जगह सुरक्षित कर ली.
विनय ने इस दौरान अपनी सीम और स्विंग गेंदबाजी से बल्लेबाजों को खूब परेशान किया. विनय की पहचान उन गेंदबाजों में होने लगी जो किसी भी विकेट पर गेंद को स्विंग कराने की क्षमता रखता हो. फर्स्ट क्लास क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन का इनाम उन्हें आईपीएल में कॉन्ट्रेक्ट के जरिए मिला. साल 2008 में रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने विनय कुमार को आईपीएल के लिए साइन किया. विनय के लिए 2009-10 का घरेलू सीजन शानदार रहा जब उन्होंने 46 विकेट चटकाए. उन्होंने अभिमन्यु मिथुन और श्रीनाथ अरविंद जैसे गेंदबाजों को तैयारर किया. 11 साल बाद कर्नाटक को रणजी के फाइनल में पहुंचाया.
पहला टेस्ट बना आखिरी
विनय कुमार ने साल 2010 में वेस्टइंडीज में होने वाले टी20 विश्व कप के लिए टीम में जगह बनाई.श्रीलंका के खिलाफ उन्हें डेब्यू का मौका मिला. विनय ने कुमार संगकारा और सनथ जयसूर्या का विकेट लिया.लेकिन विश्व कप में टीम का सफल यहीं खत्म हो गया. फिर उसी साल उन्हें जिम्बाब्वे के खिलाफ वनडे में पदार्पण का मौका मिला. इसके दो साल बाद उन्हें टेस्ट खेलने का भी मौका मिला. ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पर्थ में टेस्ट डेब्यू किया लेकिन इस टेस्ट मैच वह काफी महंगे साबित हुए. ऑस्ट्रेलिया ने इस टेस्ट को पारी के अंतर से जीता. इसके बाद विनय को टेस्ट में दोबारा मौका नहीं मिला.
विनय कुमार ने एक इंटरव्यू में बताया था कि उनके पैरेंट्स ने उनके लिए बहुत त्याग किए हैं. विनय ने बताया था कि हम आर्थिक रूप से मजबूत नहीं थे और सबसे बड़े होने के नाते उनकी देखभाल करना मेरा कर्तव्य था. लेकिन क्रिकेट में मेरी रुचि को देखते हुए उन्होंने मुझे खेलना जारी रखने के लिए प्रोत्साहित किया. पिता रंगनाथ ने बताया था कि एक बार जब हमें पता चला कि उसमें प्रतिभा है, तो हमने उसे खेलने से नहीं रोका. यह कठिन था लेकिन हमने वही किया जो हमें करना था.
विनय ने वापसी वनडे में खर्च कर दिए 100 से ज्यादा रन
वनडे में विनय ने 2013 में हालांकि वापसी की. लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ एक मैच खेलने के बाद उनका वनडे करियर खत्म गया.इस वनडे में विनय ने 9 ओवर में 102 रनरन खर्च कर दिए. विनय के नाम अनचाहा रिकॉर्ड बन गया.वनडे में 100 से ज्यादा रन देने वाले वो भारत के पहले गेंदबाज बने. इसके बाद विनय घरेलू क्रिकेट खेलते रहे. वह रणजी ट्रॉफी में सबसे अधिक विकेट लेने वाले तेज गेंदबाज हैं. उनके नाम रणजी में 442 विकेट दर्ज हैं.
विनय कुमार का क्रिकेट करियर
विनय कुमार ने 1 टेस्ट मैच में एक विकेट लिए जबकि 31 वनडे मैचों में उन्होंने 38 विकेट चटकाए. 9 टी20 इंटरनेशनल मैचों में उनके नाम 10 विकेट दर्ज हैं वहीं 139 फर्स्ट क्लास मैच में विनय ने 504 विकेट चटकाए.
करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से…और पढ़ें
करीब 15 साल से पत्रकारिता में सक्रिय. दिल्ली यूनिवर्सिटी से पढ़ाई. खेलों में खासकर क्रिकेट, बैडमिंटन, बॉक्सिंग और कुश्ती में दिलचस्पी. IPL, कॉमनवेल्थ गेम्स और प्रो रेसलिंग लीग इवेंट्स कवर किए हैं. फरवरी 2022 से… और पढ़ें