‘जब तक शरीर में खून, तब तक करूंगा रक्तदान’, चलता-फिरता ‘ब्लड बैंक’

‘जब तक शरीर में खून, तब तक करूंगा रक्तदान’, चलता-फिरता ‘ब्लड बैंक’


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Satna News: विनोद गेलानी अब तक न केवल 70 से ज्यादा बार ब्लड डोनेट कर चुके हैं बल्कि उन्होंने एक ब्लड डोनेशन ग्रुप भी बनाया है, जिसके जरिए अब तक 6650 यूनिट से ज्यादा रक्तदान करवा चुके हैं. इस तरह हजारों लोगों की…और पढ़ें

सतना. मध्य प्रदेश के सतना के समाजसेवी और व्यवसायी विनोद गेलानी को लोग अब चलता-फिरता ब्लड बैंक कहकर पुकारते हैं और इसके पीछे है उनका वह जज्बा, जिसने अब तक 70 से ज्यादा बार रक्तदान कर लोगों की जिंदगियां बचाई हैं. 52 साल के विनोद पिछले कई वर्षों से लगातार रक्तदान कर रहे हैं और उनका पूरा परिवार भी इस कार्य में कंधे से कंधा मिलाकर सेवा दे रहा है. उन्होंने 19 साल की उम्र में पहली बार रक्तदान किया था. वह उस समय फैलोस क्लब से जुड़े थे और एक कार्यक्रम के दौरान उन्हें अपने मार्गदर्शक सत्येंद्र शर्मा ने किसी जरूरतमंद महिला के लिए रक्त देने को कहा था.

विनोद गेलानी ने फौरन स्वेच्छा से रक्तदान किया और जब वह अपनी दुकान लौटे, तो पिता से इस अनुभव को साझा किया. उनके पिता ने भी इस कार्य की सराहना की, जिससे विनोद को प्रेरणा मिली और यहीं से उनका यह सेवा पथ शुरू हुआ. आज तक विनोद न केवल 70 से ज्यादा बार रक्तदान कर चुके हैं बल्कि उन्होंने एक ब्लड डोनेशन ग्रुप भी बनाया है, जिसके माध्यम से अब तक 6650 यूनिट से ज्यादा रक्तदान करवा चुके हैं. उनके इस समर्पण ने हजारों जरूरतमंदों की जान बचाई है.

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हर स्वस्थ व्यक्ति को करना चाहिए रक्तदान
लोकल 18 से बातचीत में उन्होंने विनोद गेलानी ने कहा कि रक्तदान को लेकर समाज में फैले कई मिथक हैं, जैसे- रक्तदान से कमजोरी आती है या स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ता है लेकिन यह पूरी तरह गलत है. 18 से 65 वर्ष की आयु का कोई भी व्यक्ति जिसका वजन 45 किलो से ज्यादा है और जो स्वस्थ है, उसे रक्तदान जरूर करना चाहिए. विनोद गेलानी का संदेश साफ है कि जब तक शरीर में खून है, तब तक रक्तदान करते रहेंगे. उनका यह जज्बा सतना समेत पूरे विंध्य क्षेत्र के युवाओं को एक नई दिशा दे रहा है.

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